नई दिल्ली : सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से 20 हजार करोड़ रुपये के ग्राहक लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं. उद्योग संगठन एसोचैम ने बुधवार को यह बात कही. साथ ही उसने बैंक कर्मचारी संघों के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है. संगठन ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत में सुधार के लिए राहत योजना लाने का भी आग्रह किया.
राहत योजना पेश करने का आग्रह किया
एसोचैम ने बयान में कहा कि सार्वजनिक बैंक डूबे कर्ज की मार झेल रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक उनका घाटा मार्च 2018 तिमाही में बढ़कर 50 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने को है, जो कि इससे पिछली तिमाही में हुए घाटे 19 हजार करोड़ रुपये के दोगुने से अधिक है. एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए एसोचैम सरकार से राहत योजना पेश करने का आग्रह करता है, जि2समें सार्वजनिक बैंकों की बेहतर हालत बहाल करना सुनिश्चित हो.
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