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विश्व के साथ विचारों के आदान-प्रदान जारी रखना चाहिए: राष्ट्रपति रामनाथ

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– राष्ट्रपति ने आईआईटी खड़गपुर के वार्षिक दीक्षांत समारोह

नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के 64वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के तुरंत बाद सरकार द्वारा गठित एक समिति के तहत देश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी खड़गपुर की स्थापना की थी।

इस समिति के अध्यक्ष ब्रिटिश नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ.ए.वी.हिल थे, जिन्होंने अमेरिका में एमआईटी की तर्ज पर एक संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी। इस संस्थान से वैश्विक स्तर के विशेषज्ञों को जोड़ा गया है। वर्षों बाद आईआईटी खड़गपुर और वास्तव में आईआईटी नेटवर्क एवं समुदाय दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण दरवाजा बन गया, जो हमारे देश और हमारी सभ्यता के चरित्र के अनुरूप है।

इंजीनियरिंग से लेकर अर्थशास्त्र तक, चिकित्सा से लेकर प्रबंधन तक, सभी क्षेत्रों में विचारों, विशेषज्ञता और ज्ञान के आदान-प्रदान ने हमारे नीति विकल्पों और हमारे लोगों के विकास में योगदान दिया है। हमें इसे जारी रखना चाहिए। राष्ट्रपति रामनाथ ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर ने कई संस्थानों के साथ संयुक्त शोध कार्यक्रमों का नेतृत्व किया है।

इनमें कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान, भारतीय विज्ञान संवर्द्धन संघ और टाटा मेडिकल सेंटर शामिल हैं। अपने ज्ञान भंडार की वजह से आईआईटी खड़गपुर कृषि उत्पादकता से लेकर उभरती संक्रामक बीमारियों, नवीकरणीय ऊर्जा, कम लागत के आवास और टिकाऊ शहरों

जैसी आज के दौर की ज्वलंत समस्याओं के समाधान ढूंढने में राष्ट्र का मार्गदर्शन करता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स में एक उत्कृष्ट केन्द्र की स्थापना करने के लिए आईआईटी खड़गपुर ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें हमारे नागरिकों के कल्याण की बड़ी क्षमता है।

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