PBK NEWS |चंडीगढ़ । चुनाव घोषणा पत्र में किए वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए करीब 20 हजार पालिका कर्मचारियों ने 12 जुलाई से 72 घंटे (तीन दिन की) प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है। शहरी निकाय मंत्री कविता जैन आजकल विदेश दौरे पर हैैं। उनकी वापसी सोमवार को है। विदेश दौरे से लौटते ही कर्मचारियों को हड़ताल पर न जाने से रोकना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने पालिका कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन कर दिया है। सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार एक दिन पहले 11 जुलाई को पालिका कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन मे शहरों में मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। इनमें सभी विभागों, बोर्ड, निगमों, शहरी निकायों और विश्वविद्यालयों के कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विधानसभा चुनाव से पहले जारी घोषणा पत्र में पालिका कर्मचारियों से किए वादे पूरे नहीं कर रही है।
सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मबीर सिंह व वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि नगर पालिका कर्मचारी संघ ने 11 जून को करनाल में राज्य स्तरीय रैली की थी। तब करनाल प्रशासन ने 26 जून को सीएम के साथ मीटिंग कराने का लिखित पत्र दिया था, लेकिन शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण के साथ 20 जून को मीटिंग कराई गई।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रधान सचिव ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि ज्यादातर मांगें नीतिगत हैैं, जिसका निर्णय सीएम ही कर सकते हैैं। इसके बावजूद अभी तक कोई मीटिंग तय नहीं हुई। सुभाष लांबा, बीरेंद्र डंगवाल और इंद्र सिंह बधाना के अनुसार सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मंजूरी तो सरकार ने दे दी, लेकिन इसके लिए वित्तीय प्रबंधन करने का जिम्मा निगम, परिषद व पालिकाओं पर छोड़ दिया। इससे घोषणा सिरे नहीं चढ़ पाएगी।
नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि हड़ताल के दौरान पालिकाओं में डीसी रेट अनुबंध पर लगे कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम के लिए समान वेतन देने, ठेका प्रथा को खत्म करने, जीपीएफ व ईपीएफ की कटौती की राशि को कर्मियों के खातों में डालने, जोखिम का काम करने वाले कर्मचारियों को पांच हजार रुपये जोखिम भत्ता देने और अनुबंध फायर स्टाफ को विभाग में समायोजित करने की मांग होगी।
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