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तेजस्वी यादव ने जनसभा की इजाजत न मिलने पर भागलपुर में स्टेशन परिसर के बाहर धरना दिया

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PBK NEWS | पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भागलपुर स्टेशन परिसर के बाहर देर रात धरने पर बैठ गए.  तेजस्वी यादव सभा की इजाजत नहीं दिए जाने और प्रशासन  द्वारा धारा 144 लागू किए जाने के कारण वे बैठे धरने पर बैठे. बाद में प्रशासन ने तेजस्वी यादव का धरना समाप्त कराया और उन्हें एक होटल में पहुंचा दिया.

तेजस्वी यादव की भागलपुर यात्रा में कल पूरी रात सड़क पर ड्रामा होता रहा. तेजस्वी यादव के शहर में प्रवेश करते ही उन्हें बताया गया कि उनकी गुरुवार की सभा जो कि सबौर में थी, धारा 144 लागू होने के कारण रद कर दी गई है. तेजस्वी को सबौर में ही कृषि विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में रुकना था. इसके बाद सर्किट हाउस में भी कमरा न मिलने के कारण वे आंबेडकर मूर्ति के सामने देर रात में धरने पर बैठ गए. उनके साथ पार्टी के दो सांसद जयप्रकाश यादव और स्थानीय सांसद बुलो मंडल भी थे.

इधर ट्विटर पर तेजस्वी एक के बाद एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते रहे. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि ”कल सुबह 11 बजे भागलपुर में सृजन घोटाले को लेकर मेरी जनसभा निर्धारित थी.घबराकर नीतीश जी ने अभी रात को वहाँ पूरे ब्लॉक मे धारा-144 लगा दी है.”

वहीं भागलपुर पुलिस का कहना हैं कि विशहरी पूजा के कारण पुलिस बल की तैनाती होने से वे आज सुरक्षा देने में असमर्थ हैं इसलिए धारा 144 लागू को गई. बाद में पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने धरना स्थल पर आकर बात की जिसके बाद तेजस्वी यादव का विरोध प्रदर्शन खत्म हुआ. प्रशासन ने उन्हें धरना स्थल से हटाकर एक होटल में उनके रहने की व्यवस्था की है.

माना जाता है कि वैशाली जिले के काला पहाड़ गांव के समीप उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ​काफिले पर हमले के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है. वैशाली के काला पहाड़ गांव के समीप उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ​काफिले पर हमला किया गया था. इस मामले में पुलिस ने राजद के समर्थक बताए जाने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया है. वैशाली में हुई घटना को लेकर राजा पाकड थाने में बुधवार को नौ लोगों के खिलाफ नामजद और 100 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस के अनुसार 9 नामजद लोगों में से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी की तलाश जारी है.

सुशील मोदी के काफिले पर उस समय यह हमला किया गया जब वे काला पहाड़ गांव बीजेपी के पूर्व विधायक अच्युतानंद सिंह की मां के श्राद्ध में भाग लेने जा रहे थे. यह घटना पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कारवां के वहां से गुजरने के बाद हुआ था. तेजस्वी एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए समस्तीपुर जा रहे थे.

सुशील मोदी ने बड़ी संख्या में आरजेडी के कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव कर उनके काफिले में शामिल तीन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर देने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि उनमें से कई लोग उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और उन्होंने उनके रथ को घेरकर उसमें प्रवेश करने की कोशिश भी की. मोदी ने कहा कि अगर वहां उनके सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं होते तो बड़ी घटना घट सकती थी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्ता हाथ से निकल जाने के कारण आरजेडी कार्यकर्ताओं में निराश है.

सुशील मोदी ने कहा कि इन सब चीजों से वे डरने वाले नहीं हैं और वे दस्तावेजों के माध्यम से लालू और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए और भी भ्रष्टाचार को शीघ्र ही उजागर करेंगे.

तेजस्वी यादव ने इस घटना के पीछे अपनी पार्टी के लोगों के होने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वे भागलपुर में हुए करोड़ों रुपये के सरकारी राशि के गबन की सच्चाई को उजागर करने जा रहे थे. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें उससे रोकने तथा लोगों का उससे ध्यान हटाने के लिए ऐसा किया. तेजस्वी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि वे गांधी जी के मानने वाले हैं, हिंसा उनका रास्ता नहीं.

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