PBK NEWS | लखनऊ। प्रदेश के बाढग़्रस्त 22 जिलों में जारी बचाव व राहतकार्य के बारे में प्रमुख सचिव व आपदा राहत आयुक्त डा. रजनीश दुबे ने बताया कि महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, लखीमपुर, सीतापुर व बाराबंकी जिलों की स्थिति अधिक खराब है। बाढग़्रस्त इलाकों में पूरी निगरानी की जा रही है। नागरिकों के साथ ही मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उनके लिए 11 हजार क्विंटल भूसा उपलब्ध कराने के साथ ही पशुओं को बीमारियों से बचाव को टीकाकरण व दवा लगातार वितरित की जा रही हैं।
बाढ़ प्रभावित जिलों में 157 राहत शिविर स्थापित किए हैं। इनमें 94618 लोगों को रखा गया है। इसके अलावा 35206 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि 1758 नाव, 57 मोटर बोट तथा एनडीआरएफ की 10 टीमें लगाई गई है। यह नाव एवं मोटरबोट बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य कर रही है। इसकेसाथ ही पीएसी बटालियन की 13 टीमें भी लगी है, जो बाढ़ प्रभावित लोगों के प्रत्येक स्तर पर मदद कर रही है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भोजन व्यवस्था करने के साथ खाद्यान्न सामग्री वितरित की जा रही है। भोजन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि बुधवार तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग एक हजार क्विंटल आटा, 10 क्विंटल गुड़, दो हजार क्विंटल चावल, 225 क्विंटल दाल, 100 क्विंटल नमक तथा 450 क्विंटल आलू वितरण किया जा चुका है। इसके अलावा बाढ़ पीडि़तों में 3.80 लाख लंच पैकेट, 18 हजार लाई चना पैकेट, 12 हजार ब्रेड व बिस्कुट बांटे गए है। आवश्यकतानुसार शुद्ध पानी के पाउच उपलब्ध कराए गए।
खाद्यान्न एवं राहत सामग्री का वितरण तब तक जारी रहेगा, जब तक बाढ़ पीडि़त लोग राहत शिविरों एवं सुरक्षित स्थानों पर निवास करेंगे। प्रमुख सचिव दुबे ने बताया कि महाराजगंज, कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 45 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में 176 मेडिकल टीमें गठित की गई हैंं। इसके साथ ही 2.5 लाख क्लोरीन टेबलेट और 21 हजार ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए गए हैं।
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