PBK NEWS | नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकारी टेंडर में अब भतीजावाद नहीं चलता है। केंद्र ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता के लिए ‘जीईएम’ प्लेटफार्म शुरु किया है जिसके माध्यम से छोटे सप्लायर भी अपने सामान की आपूर्ति कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि बीते चार-छह महीने में इस पोर्टल से 1000 करोड़ रुपये की खरीद हुई है। अगर यही खरीद पुरानी सरकार की टेंडरिंग प्रणाली से होती तो कम से कम 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ होता।
प्रधानमंत्री ने यह बात मंगलवार को नीति आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम चैंपियंस ऑफ चेंज में 200 से अधिक यंग सीईओ को संबोधित करते हुए कही। पीएम ने कहा कि सरकार में जब खरीददारी होती है तो टेंडर निकलता है, उसकी कई शर्ते होती हैं। फिर टेंडर भरने वाले आते हैं। पीएम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले बाबूओं को देखना पड़ता था कि मंत्रीजी के भतीजे का टेंडर आया कि नहीं आया। पीएम ने कहा कि अगर स्थिति ठीक नहीं होती थी तो टेंडर को रद्द कर दिया जाता था। इस तरह यह बेइमानी सबको पता थी। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने खरीद के लिए गवरमेंट ई मार्केट (जीईएम) प्लेटफार्म बनाया है।
प्रधानमंत्री ने यंग सीईओ को विकास का योद्धा बनने का आह्वान करते हुए देश पर आयात का बोझ कम करने को कहा। उन्होंने कहा देश जिन चीजों का आज आयात करता है क्या वे उन्हें बनाने का काम यहां शुरु कर सकते हैं। पीएम ने इस संबंध में चिकित्सा उपकरणों का उदाहरण देते हुए कहा कि डाइलसिस की मशीनें क्या भारत में नहीं बनायी जा सकतीं। उन्होंने कहा कि विकास को आन्दोलन बनाने की जरूरत है।
अपनी सरकार के प्रमुख फैसलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने यूरिया की चोरी रोकी और उत्पादन बढ़ाया। यही वजह है कि आज यूरिया के लिए देश में कहीं लाइनें नहीं लगतीं। मोदी ने कहा कि वह जब पीएम बने तो पहले तीन महीनों में सबसे ज्यादा चिट्ठियां यूरिया खाद को लेकर ही आयीं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कतारों को टीवी पर सबने देखा लेकिन तीन साल पहले यूरिया के लिए कतार में खड़े किसानों को किसी ने नहीं दिखाया। यह मुद्दों को देखने का नजरिया है।
उन्होंने देश को लेस कैश समाज बनाने की दिशा में यंग सीईओ से सहयोग का आह्वान भी किया। मोदी ने कहा कि क्या उनकी कंपनियां 2022 तक देश को लेस कैस बनाने के लिए योगदान कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने दीवाली के अवसर पर लोगों को ऐसे गिफ्ट उपहार में देने का आग्रह किया जिससे गरीब को फायदा पहुंचे। उन्होंने युवा उद्यमियों से पूछा कि वे खादी के कूपन क्यों नहीं दे सकते। उन्होंने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी सीईओ को योगदान करने की अपील की।
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