PBK NEWS | चंडीगढ़। सिरसा स्थित डेरा सच्चा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआइ की विशेष अदालत आज दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाएगी। मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में दोपहर बाद 2.30 बजे विशेष कोर्ट लगाई जाएगी। जज मामले की कार्यवाही के लिए पंचकूला से हेलीकॉप्टर से रवाना हो गए हैं।
यह पहली बार होगा जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई जाएगी। राम रहीम को न्यूनतम सात साल व अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। 15 साल पुराने इस मामले में सब्र और हिंसा के बाद पीडि़त साध्वियों को न्याय मिलेगा।
कड़ी सुरक्षा में हेलीकॉप्टर से रवाना हुए जज
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह हेलीकॉप्टर के जरिए पंचकूला से रोहतक में स्थित सुनारिया जेल रवाना हो गए हैं। उनकी सुरक्षा में एसपी स्तर के अधिकारी एवं कमांडो तैनात हैं। वह 40 मिनट में रोहतक पहुंच जाएंगे। सुनारिया रोहतक से करीब दस किलोमीटर दूर है। सजा सुनाने के बाद जगदीप सिंह को तुरंत कड़ी सुरक्षा में वापस लाया जाएगा। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की २६ कंपनियां तथा पुलिस तैनात की जा चुकी है। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। यदि कोई उपद्रव होता है तो देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं।
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह को लेकर जाता हेलीकॉप्टर।
सीबीआइ कोर्ट ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की तीन धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) के तहत दोषी ठहराया है। वहीं, फैसले को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई अलर्ट पर हैं। पंचकूला में हुई आगजनी से सबक लेते सरकार ने रोहतक जेल के बाहर पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया है। पुलिस और सुरक्षा बलों को मौके पर ही तुरंत एक्शन लेने व उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। हेलीकॉप्टर व ड्रोन से नजर रखी जाएगी। अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना स्टैंड बाई पर रहेगी।
सजा के बाद प्रेमी हंगामा न करें इसके लिए सिरसा में गश्त करती आर्मी।
पंजाब में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पंजाब के चार जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। इनमें बरनाला, मानसा, बठिंडा व पटियाला शामिल हैं। पटियाला के सिर्फ समाना व पातड़ां में ही कर्फ्यू है। हरियाणा में सिरसा के अलावा अन्य सभी जगहों से कर्फ्यू हटा दिया गया है।
पंजाब के नाम चर्चा घरों को खाली करा पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस तैनात कर दी गई है। स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी रहेगी। इंटरनेट सेवाएं व इंटर स्टेट बस सेवा भी बंद रहेगी। बसों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इंटरनेट सेवा पर रोक मंगलवार सुबह 11.30 बजे तक जारी रहेगी।
गुरमीत को दोषी करार दिए जाने के बाद प्रेमियों ने पंचकूला में वाहन फूंके थे।
हाईकोर्ट में ही की जा सकेगी अपील
तीन साल से कम सजा होने पर सीबीआइ जज को जमानत पर छोडऩे का अधिकार है। इससे अधिक सजा की स्थिति में ऑर्डर मिलते ही दोषी जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन कर सकता है। चूंकि दुष्कर्म में न्यूनतम सात साल की सजा निर्धारित है, इसलिए राम रहीम के पास जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं। हाईकोर्ट के फैसले तक उसे जेल में ही रहना होगा।
डेरा के खाते सीज, कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लेन-देन
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद डेरा सच्चा सौदा व राम रहीम के निजी बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। डेरामुखी, उनके करीबियों व कर्मचारियों के अकाउंट के बाद तीन बैंकों के खातों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा सकते हैं। डेरे का सबसे ज्यादा लेन-देन ओबीसी और एचडीएफसी बैंक में हुआ है। इसके अलावा कई बैंकों में खाते हैं। कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लेन-देन हुआ है।
मृतकों की संख्या 38 पहुंची
डेरा प्रेमियों के उपद्रव में मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को भड़की ङ्क्षहसा में जहां पंचकूला में कुल 32 लोगों की मौत हुई, वहीं सिरसा में छह डेरा समर्थक मारे गए।
पंचकूला में 25 अगस्त को हंगामा मचाते डेरा प्रेमी।
पंचकूला में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि पंचकूला हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वाले मुआवजे के हकदार नहीं है। साथ ही उन्होंने केंद्र से पंचकूला हिंसा की जांच की मांग की है। कैप्टन ने कहा कि हरियाणा ने पंजाब को कोई इनपुट नहीं दिया।
गुमनाम पत्र में लगाए गए थे संगीन आरोप
गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीडि़ता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।
यही वो पत्र है जिसके आधार पर केस चला।
आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।
सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। डेरा प्रमुख को उक्त मामले में अदालत से जमानत तो मिल गई, परंतु पिछले लंबे समय से मामला पंचकूला की सीबीआई अदालत में चल रहा था। सीबीआइ कोर्ट ने 25 अगस्त को इस मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दे दिया था।
टाइम लाइन
-15 मई 2002 में एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को लिखा गया था।
-24 सितंबर 2002 को मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई।
-30 जुलाई 2007 को मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र पेश कर दिया।
-28 फरवरी 2009 को एक दुष्कर्म पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-9 सितंबर 2010 को दूसरी पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-30 जुलाई 2013 प्रमुख जांच अधिकारी सतीश डागर ने बयान दर्ज करवाए।
-2 नवंबर 2014 को डेरा प्रमुख ने बयानों में खुद को शारीरिक तौर पर सेक्स करने के लिए फिट नहीं होना बताया।
-17 अगस्त 2017 को कोर्ट ने 15 साल सुनवाई के बाद फैसले की तिथि सुना दी।
-25 अगस्त 2017 राम रहीम दोषी करार, रोहतक की सुनारिया जेल भेजे गए।
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