PBK NEWS | चंडीगढ़ । साध्वियों का यौनशोषण करने वाले डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि उसका पांच करोड़ अनुयायी होने का दावा झूठा था। इस दावे के कारण ही डेराप्रमुख के सामने नेता नतमस्तक होते रहे। वास्तविकता में डेरे के 20 से 25 लाख ही अनुयायी थे।
सीबीआइ अदालत के फैसले से डेरे की तरफ से सिर्फ दुष्प्रचार किया गया कि लाखों लोग पंचकूला पहुंचे, लेकिन यह संख्या बीस से पचीस हजार के बीच ही रही। इनमें से कुछ लोगों को दिहाड़ी पर तो कुछ को राम रहीम का सत्संग होने की बात कहकर लाया गया। कुछ को फिल्म की शूटिंग दिखाने का हवाला दिया गया औरं झांसे में रखकर दो-तीन दिन तक शहर में रोके रखा।
डेरे से बाहर आ चुके एक अनुयायी ने बताया कि सिरसा स्थित मुख्य डेरे में भी लोगों से यही कहा जाता रहा कि डेरा प्रमुख निर्दोष निकले हैं और वापस लौट आए हैं। यहां तक कि जब कुछ डेरा प्रेमियों ने बाहर सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर सवाल उठाए तो उन्हें कई तरह के बहाने बनाकर शांत कर दिया गया।
योजनाबद्ध तरीके से कराई गई पंचकूला में हिंसा
पूरे प्रकरण में डेरे के प्रमुख लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से हिंसा की प्लानिंग की थी। पंचकूला में जमा लोगों को खाना पहुंचाते समय डेरे के कार्यकर्ता उनका ब्रेनवाश करते हुए हर स्थिति के लिए तैयार रहने की ताकीद करते थे। उन्हें ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे जमा करने का निर्देश दिया गया। फैसले के बाद भी भीड़ जब शांत दिखी तो डेरा प्रमुख के सुरक्षा गार्डों ने ङ्क्षहसा की शुरुआत कर दी। इसी दौरान डेरे के कार्यकर्ताओं ने भीड़ में जाकर उन्हें उपद्रव के लिए उकसाया, जिसके बाद ङ्क्षहसा शुरू हो गई।
Comments are closed.