PBK NEWS | चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई को वाजिब ठहराया है, लेकिन साथ ही इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि छापेमारी से पहले उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार और मंत्रियों का काम व्यवस्था में सुधार का है, इसलिए यदि किसी मंत्री के विभाग से जुड़ी समस्या के समाधान के लिए छापेमारी की जाती है तो उसे जरूर भरोसे में लिया जाना चाहिए।
यह दूसरा मौका है जब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सीएम आफिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैैं। इससे पहले उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लिंगानुपात में सुधार के आंकड़ों पर सवाल उठाए थे। सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता की देखरेख में यह अभियान चल रहा है। विज के आंकड़ों पर सवाल उठाने के बाद सरकार को उनकी जांच कराने का निर्णय लेना पड़ा था, लेकिन अभी तक नतीजों का कुछ पता नहीं चल पाया है।
सीएम फ्लाइंग ने वीरवार को प्रदेशभर में 147 स्थानों पर छापेमारी कर करीब 100 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया। अनिल विज के मुख्यमंत्री से वैचारिक मतभेद पहले से रहे हैैं। मुख्यमंत्री ने जब परिणीति चोपड़ा को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किया था, तब भी विज ने साक्षी मलिक को यह जिम्मेदारी सौंप दी। इसके बाद खानपुर महिला कालेज में हुए कार्यक्रम के कार्ड में नाम न होने पर भी विज भड़क गए थे। विज ने कहा कि विभाग के मंत्री की अनदेखी का मुद्दा वे उचित प्लेटफार्म पर उठाएंगे।
News Source: jagran.com
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