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प्रद्युम्न हत्याकांड : आठ दिसंबर से जमानत पाने का हकदार हो जाएगा अशोक

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PBK NEWS | गुरुग्राम | प्रद्युम्न हत्याकांड में एसआइटी द्वारा गिरफ्तार बस सहायक अशोक के बारे में सीबीआइ क्लीन चिट दे या न दे, आठ दिसंबर को वह कानूनी तौर पर जमानत पाने का हकदार होगा। इस तरह के मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की सीमा 90 दिन की होती है। इतने दिनों के भीतर यदि आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है तो मान लिया जाता है कि उसके खिलाफ आरोप नहीं हैं।

गांव भोंडसी के नजदीक स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल की दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या स्कूल के ही बाथरूम में आठ सितंबर को कर दी गई थी। गुरुग्राम पुलिस द्वारा गठित एसआइटी ने आठ सितंबर को ही बस सहायक अशोक को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था। आठ सितंबर से सात दिसंबर तक 90 दिन हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में यदि सीबीआइ उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करती है जैसी की पूरी संभावना है, वैसी स्थिति में आठ दिसंबर से वह जमानत का पाने हकदार होगा।

कानून में इस तरह है सजा का प्रावधान

कानून के जानकारों के मुताबिक जिन मामलों में दस साल तक सजा का प्रावधान है, उन मामलों में 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य होता है। जिन मामलों में सजा का प्रावधान दस साल से ऊपर है, उनमें 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने का प्रावधान है। बस सहायक अशोक को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है, इसमें उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है। इस तरह सीबीआइ अशोक को क्लीन चिट दे या न दे, आठ दिसंबर से वह जमानत पाने का हकदार होगा।

अशोक के निकलते ही फंस जाएगी पूरी एसआइटी

सीबीआइ अशोक को क्लीन चिट दे या न दे, यदि 90 दिनों के भीतर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है तो 91 दिन से एसआइटी की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। पूरी एसआइटी गलत तरीके से किसी निर्दोष को फंसाने के लिए जिम्मेदार मानी जाएगी। सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तो होगी ही अदालत से भी सजा होगी। अशोक के अधिवक्ता मोहित वर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि सीबीआइ से क्लीन चिट मिलते ही एसआइटी के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।

गिरफ्तारी से 90 दिन के बाद बस सहायक अशोक का मामला अदालत से खत्म हो जाएगा। यदि उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं होती है तो। सीबीआइ यदि क्लीन चिट दे देती है तो भी उसके खिलाफ मामला खत्म हो जाएगा। इसके बाद वह मुआवजे का भी हकदार होगा। हालांकि अभी 90 दिन पूरे होने में कई दिन बाकी है। सीबीआइ का क्या रुख होता है, यह कहा नहीं जा सकता।

News Source: jagran.com

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