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पंजाब के सीएम व वित्‍तमंत्री बोले- राज्य के धन पर केंद्र ने मारी कुंडली, कैसे करें काम

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PBK NEWS | चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और वित्‍तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के हिस्‍से की राशि राज्‍य को नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है। कैप्‍टन ने कहा कि वह लंबित पड़े जीएसटी के भुगतान का मुद्दा जल्द ही केंद्र से उठाएंगे। इसमें देरी के कारण राज्य को गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यदि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागती है और पैसे पर कुंडली मारकर बैठी रहती है, तो राज्य सरकारें कैसे काम कर सकती हैं।

कैप्टन ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही पत्र लिख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री अरुण जेटली से न केवल जीएसटी के तौर पर लंबित पड़े 1464 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी करने बल्कि केंद्र की ओर से एकत्रित किए गए आइजीएसटी में से राज्य का हिस्सा जारी करने के लिए भी कहेंगे।

कर्मचारियों के वेतन में देरी

कैप्टन ने समय पर जीएसटी और अंतरराज्यीय जीएसटी (आइजीएसटी) जारी न होने के कारण सरकारी कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में देरी होने और अन्य जरूरी खर्चों के संबंध में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह की चिंता से सहमति जताई। पंजाब को जुलाई-अगस्त के समय के 524 करोड़ रुपये का जीएसटी अभी मिलना शेष है। इसके साथ ही सितंबर-अक्टूबर के 960 करोड़ रुपये भी मिलने बाकी हैं। कैप्टन ने कहा कि पंजाब पहले ही वित्तीय संकट में है और केंद्र इसके भुगतान को रोक कर बैठा है।

केंद्र ने दबाया 3600 करोड़ का जीएसटी : मनप्रीत बादल

वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि केंद्र सरकार जीएसटी के तहत जमा हुए टैक्स को रिलीज नहीं कर रही है। पंजाब को केंद्र से 3600 करोड़ रुपये लेना है। फंड न मिलने के कारण पंजाब को काम चलाने के लिए बैंकों से ऋण लेना पड़ रहा है जिस पर ब्याज भी देना पड़ रहा है।

कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करने से पहले केंद्र सरकार ने बड़े सब्जबाग दिखाए थे, लेकिन हकीकत यह है कि केंद्र सरकार के पास पूरे देश का एक लाख करोड़ रुपये फंड पड़ा हुआ है। इसका ब्याज भी केंद्र सरकार को ही मिल रहा है। पंजाब को कर्ज लेकर काम चलाना पड़ रहा है।

मनप्रीत ने कहा कि पंजाब की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, यह जगजाहिर है। ऐसे में पंजाब को केंद्र सरकार से जीएसटी के तहत जमा हुए टैक्स में से 3600 करोड़ रुपये लेने हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि फंड न आने के कारण पंजाब सरकार 700 करोड़ रुपये सामाजिक सुरक्षा के लिए दी जाने वाली पेंशन और मिड डे मील के फंड को रिलीज नहीं कर पा रही है जोकि 50 करोड़ रुपये की करीब है।

किसान कर्ज माफी को लेकर अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार करते हुए मनप्रीत ने कहा कि अकाली-भाजपा की गलत नीतियों के कारण पंजाब कर्जाई हो गया है। अकालियों ने तो मंडी बोर्ड की पांच साल की कमाई को भी बैंक में प्लज (अटैच) करवाकर लोन ले लिया है।

News Source: jagran.com

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