PBK NEWS | नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पिछले हफ्ते 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी देने के बाद सोमवार को एनके सिंह को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. नए वित्त आयोग की सिफारिशें 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले पांच साल की अवधि के लिए होंगी. एनके सिंह नीति आयोग से पहले अमल में रहे योजना आयोग के पूर्व सदस्य रह चुके हैं. सरकार द्वारा अधिसूचना के अनुसार वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अनूप सिंह वित्त आयोग के सदस्य बनाए गए हैं.
आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के वित्त, घाटे, ऋण स्तर की स्थिति की समीक्षा करेगा. यह मजबूत राजकोषीय प्रबंधन के लिए राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की व्यवस्था पर सुझाएगा. नया आयोग अन्य बातों के साथ साथ माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के केंद्र व राज्यों की वित्तीय स्थिति पर असर का भी आकलन करेगा. उल्लेखनीय है कि वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत हर पांच साल में होता है. आयोग केंद्र से राज्यों को मिलने वाले अनुदान के नियम भी तय करता है.
अपनी नियुक्ति की घोषणा के बाद एनके सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोग के लिए केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थिति पर जीएसटी के प्रभाव की समीक्षा करना अनिवार्य हो गया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी को नए आयोग के कार्य के दायरे में लाए जाने पर उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई.
News Source: khabar.ndtv.com
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