PBK NEWS | नई दिल्ली। फर्जी बिल के सहारे सरकारी खजाने को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अधिकारियों पर सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। पांच आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद जांच एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर में 11 स्थानों पर छापा मारा। सीबीआइ के अनुसार खुद डीओपीटी ने इन अधिकारियों के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी।
सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार प्रशिक्षण विभाग के अवर सचिव संजय मेहता, सेक्शन आफिसर हेमंत व विजय पाल, असिस्टेंट सेक्शन आफिसर आरके अरोड़ा व महेंद्र सिंह ने डाटा इंट्री आपरेटर अशोक ने एक साजिश के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में ट्रेनिंग पर होने वाले खर्च में फर्जी बिल लगा कर भुगतान कर लिया। इस साल अभी तक ट्रेनिंग के लिए 67 बिलों पर 9.21 करोड़ का भुगतान किया गया। लेकिन भनक लगने के बाद हुई प्रारंभिक विभाग जांच में इनमें से पांच वेंडर के बिलों को फर्जी पाया गया। इन्हें लगभग 18 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
विभाग की प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट के बाद सितंबर में ही इन अधिकारियों के निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही सीबीआइ को इस मामले की जांच के लिए कहा गया था। सीबीआइ की शुरूआती जांच में आरोपों के सही पाए जाने के बाद सोमवार को आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई और संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापा मारा गया। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही इन आरोपियों को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
News Source: jagran.com
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