PBK NEWS | लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को दहलाने की साजिश का प्रयास जारी है। कल वाराणसी से हैदराबाद ब्लास्ट का आरोपी व पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर का सक्रिय सदस्य अब्दुल नईम शेख पकड़ा गया।
माना जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश को दहलाने की बड़ी साजिश रच रहा था। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), दिल्ली की टीम ने कल नईम को वाराणसी से पकडऩे में कामयाबी हासिल की, जिसके बाद उसे लखनऊ लाया गया। यहां से एनआइए की टीम नईम को लेकर दिल्ली गई है और वहां पूछताछ कर रही है। एनआइए व एटीएस ने नईम के पकड़े जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। दोनों ही एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मामले को लेकर चुप्पी साधे हैं। माना जा रहा है कि एनआइए आज दिल्ली में नईम को कोर्ट में पेश करने के साथ ही पूरे मामले का राजफाश कर सकती है।
महाराष्ट्र निवासी नईम 2014 में पुलिस कस्टडी से भाग निकला था और तभी से वांछित था। एनआइए नईम को मुंबई ब्लास्ट से भी जोड़कर देख रही है। एनआइए सूत्रों के अनुसार इसने मुंबई के हमलावरों को कई जानकारियां उपलब्ध कराई थीं। नईम जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तानी आतंकियों के भी सीधे संपर्क में था।
बताया गया कि आरोपी शेख अब्दुल नईम 2006 में पकड़ा गया था, लेकिन तब भी वह पुलिस कस्टडी से भाग निकला था। इसके बाद में उसे बीएसएफ ने बांग्लादेश बार्डर पर दो अन्य आतंकियों के साथ पकड़ा था। उसके पास पूर्व में असलहों का जखीरा भी बरामद हुआ था। पिछले कुछ दिनों से नईम के लखनऊ, वाराणसी व कानपुर में सक्रिय होने की गोपनीय सूचनाएं मिल रही थीं। इसके बाद एनआइए इसकी जांच में लगी थी। वह वाराणसी के एक होटल में ठहरा था।
नईम के कब्जे से एनआइए ने कई वीडियो क्लिप भी बरामद की हैं। कुछ पावर प्लांट व छावनी से जुड़े वीडियो भी हैं। पूछताछ में सामने आया है कि नईम पाकमें बैठे अपने हैंडलर के सीधे संपर्क में था और उसके कई साथी यूपी में सक्रिय हैं। उसके कुछ साथियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। नईम के पकड़े जाने के बाद खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है। एनआइए व एटीएस की टीमें कुछ अन्य संदिग्धों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
जारी हुआ था खुफिया अलर्ट
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पांच दिसंबर को को आगरा जाना है, जबकि गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आतंकी संगठनों के निशाने पर होने के खुफिया अलर्ट भी जारी हुआ था।
ऐसे में नईम के यूपी में सक्रिय होने से सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कई बड़े सवाल भी खड़े हो रहे हैं। नईम प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में किस इरादे से अपना ठिकाना बनाए था, जांच एजेंसियों के लिए यह भी बड़ा सवाल है।
News Source: jagran.com
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