चंडीगढ़/गुड़गांव, 7 जनवरी (अजय ) : हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य में अगर किसी किसान को राजनीतिक स्वार्थ के तहत बरसों तक पानी ही ना मिले तो इससे शर्मनाक उन दलों के लिए कुछ नहीं है जिन्होंने वहां राज किया हो। शुक्रवार को दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम में इस बात को प्रमाणित किया गया कि हरियाणा में जल बंटवारे में पहली बार इन्साफ राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछले तीन सालों में हुआ है। केंद्रीय सिंचाई एवं विद्युत बोर्ड द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह, 2018 में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री ने हरियाणा के सिंचाई एवं जल विभाग को जल स्रोतों के कुशल व अनुकूल उपयोग के लिए सम्मानित किया। ये सम्मान राज्य को पहली बार नसीब हुआ है।
दक्षिण हरियाणा में सिंचाई और पेयजल के क्षेत्र में जो अभूतपूर्व काम मनोहर लाल जी के मार्गदर्शन में राज्य के सिंचाई विभाग ने किए हैं, उनके जीते जागते परिणाम जमीन पर दिखने लगे हैं। सिंचाई मंत्री के रूप में माननीय मनोहर लाल जी के प्रयासों की बदौलत जो चौंकाने वाले सुधार हुए हैं, उन्हें महसूस करने की कोशिश कीजिए।
– पहली बार भिवानी-महेंद्रगढ़ के 50000 एकड़ क्षेत्र में नहरी पानी की सिंचाई से रबी की फसल लहलहा रही है।यह वो मरु एरिया है जहाँ खेती नही हो पाती थीं ।
– 25 वर्षों के उपरांत राजस्थान की सीमा से लगते हरियाणा के कई गांवों में पानी पहुँचा है।
– 2014 की तुलना में जेएलएन फीडर में जल उपलब्धता में 150% की वृद्धि हुई है।
– महेंद्रगढ़ कैनाल में जल की उपलब्धता में 200% की वृद्धि हुई है।
– जेएनएल कैनाल कैरियर की जल उपलब्धता में 300 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
– 2004 से वर्ष 2016 के बीच जेएलएन फीडर की क्षमता 3451 क्यूसिक की गई।
– 2016 में जेएलएन फीडर के पुनर्भरण का कार्य किया गया और धरातलीय स्तर पर कार्य किया गया। कम खर्च से जेएलएन फीडर का संचालन 85% क्षमता के साथ किया गया।
– नाबार्ड की कुल 143 करोड़ रूपये की परियोजना का क्रियान्वयन अंतिम चरण में है और मई,2018 तक पूर्ण हो जाएंगा।
– लोहारू उठान के सुदृढ़ीकरण का कुल 25.75 करोड़ रुपये का कार्य जून,2018 तक पूर्ण हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप नारनौल,महेंद्रगढ़,लोहारू,दादरी,भिवानी व रेवाड़ी में सिंचाई जल की उपलब्धता बढेगी।
– जल महल, मसानी बैराज, कृष्णावती रिवरबैड व हामिदपुर् बूंद में जल भरने से भूमिगत जलस्तर उपर उठेगा।
– नहरों के हेड व टेलों पर कुल 237 पंप हाउसों पर 5,000 पंपों की समय संचालन क्षमता का मूंल्याकन कर आवश्यक परस्पर परिवर्तित किया गये ।
इनके अलावा दक्षिण हरियाणा को जाने वाली नहरों की मरम्मत की गई और बाहरी मिट्टी को नहरों में गिरने से रोकने के लिए बैरियर वाल का निर्माण भी किया गया। पंपिग स्टेशनों की कार्य क्षमता 30 % से बढकर 75% तक हुई है और जल हौदियों की सफाई कर दुरूस्त किया गया है। नहरों की क्षमता और सुदृढ़ीकरण के लिए मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य करवाने वाला हरियाणा देश में पहला राज्य है।
राज्य सरकार का अगला लक्ष्य मेवात क्षेत्र में सिंचाई तंत्र को मजबूत करना है जो राजनीतिक अनदेखी का एक और नमूना है। शोध आधारित योजना तैयार की जा रही है कि नूंह जिले और आसपास इलाकों में पेयजल और सिंचाई के लिए क्या-क्या किया जाए।
इसके अलावा राजनीतिक मनमानी की एक मिसाल सिरसा जिले में भी है जहां के गोरीवाला ब्लॉक के 20 गांवों में सिंचाई के लिए पानी ना के बराबर मिलता रहा है। डबवाली विधानसभा क्षेत्र के इन गांवों में न्यायोजित जल बंटवारे के तहत पानी पहुंचाने की योजना को भी जल्द ही पूरा किया जाएगा। इसके अलावा रानियां विधानसभा क्षेत्र के खारिया ब्लॉक के 10 गांवों के लिए भी विशेष योजना पर काम चल रहा है।इस क्षेत्र ने सी॰एम॰ तो दिए पर किसानों का समूचित विकास जल नायक मनोहर लाल जी कर रहे है ।
यह मनोहर सरकार में ही संभव है कि दशकों से राजनीतिक भेदभाव का शिकार रहे क्षेत्र सम्मानजनक तरीके से अपना हक पा रहे हैं। पिछली सरकारों में एक तो भेदभाव और क्षेत्रवाद बहुत ज्यादा था, दूसरे अपने मुंह मियां मिट्ठू वाले गुणगान का शोर बहुत था, काम बहुत ही कम। अब देखिए कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी हाल ही में आदमपुर के कुछ गांवों के लिए पानी की मांग की। हमारे लिए खुशी की बात ये है कि अशोक तंवर हमें ऐसे नेक कार्य करने के लायक समझते हैं, जबकि 10 साल उनकी पार्टी की सरकार को उन्होंने इस लायक नहीं समझा। अशोक तंवर जी, हम आपको हुड्डा जी की तरह निराश बिल्कुल नहीं करेंगे और सबका साथ सबका विकास की नीति पर चलते हुए आदमपुर के गांवों में भी जरूरत और उपलब्धता के हिसाब से पानी पहुंचाएंगे।
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