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इसरों के नये अध्यक्ष चुने जाने वाले डॉ. शिवम गर्व की बात : डॉ. मोहित

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गुड़गांव, 13 जनवरी (अजय) : किरण कुमार के नाम देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में उपलब्धियों के कई कीर्तिमान दर्ज हैं। वह 14 जनवरी को अवकाशमुक्त हो रहे हैं। इसरो के भावी अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. के शिवम इसरो के नौवें अध्यक्ष होंगे। डॉ. के शिवम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करके इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु से एमई की उपाधि अर्जित की और 1982 में इसरो ज्वाइन किया जब ध्रुवीय रॉकेट अपना रूपाकार ले रहा था। बाद में उन्हें भारत के सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी का परियोजना निदेशक बना दिया गया और कहना न होगा कि उनके निर्देशन में जीएसएलवी की सफल उड़ानें हो चुकी हैं और हमारा यह रॉकेट तकनीकी परिपक्वता अर्जित कर चुका है। फलत: इनसैट/जीसैट जैसे संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण पर हमारी विदेशी एजेंसियों पर निर्भरता घटने लगी है। उम्मीद की जाती है इसरो की भावी उड़ानें भी बुलंदियों के नए-नए आसमान छू लेंगी।

2018 की शुरूआत में ही देश के अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों ने देशवासियों को गर्व करने का एक अवसर प्रदान कर दिया है. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना 100वां सैटेलाईट लांच किया है. पीएसएलवी सी-फोर्टी  अपने साथ सबसे भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट भी अंतरिक्ष में ले गया है इस बार इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाईट लांच किये जिनमें 28 विदेशी ग्राहकों के है. इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं

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