गुडग़ांव, 30 जनवरी (अजय) : किसान संघर्ष समिति एवं स्वराज समिति के प्रधान राव गजराज सिंह ने आज एक बैठक के दौरान बोलते हुए कहा कि जब तक किसान को फसल का पूरा और नियमित रूप से दाम नहीं मिलेगा, तब तक कर्ज माफ करने का कोई मतलब नहीं बनता। सभी सरकारे न्यूनतम मूल्य का समर्थन करती है, परंतु बात सिर्फ यही तक नहीं रहती जमीनी स्तर पर वह कोशिश भी करनी चाहिए, लेकिन बाद में यह सरकारी कीमत सिर्फ 6 प्रतिशत किसान को ही हासिल हो पाती है, इसलिए सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह किसानों को कर्जा मुक्त करें।
स्वराज समिति के प्रधान राव गजराज सिंह मानेसर ने कहा कि यह गलत नीतियों का ही परिणाम है, जोकि आज की खेती से किसान अपने परिवार के लिए न्यूनतम साधन भी नहीं जुटा सकता। उसके उपजाऊ अनाज को कम दाम देकर लूटा जाता है। वास्तव में आज किसान देश को सब्सिडी दे रहे हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में किसान आंदोलन भी कर रहे हैं, जोकि सरकार की तरफ इशारा कर रहे हैं और केंद्र सरकार द्वारा किए गए वायदों को याद दिला रहे हैं। राव गजराज ने कहा कि केंद्र सरकार से मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार लाभकारी कीमतें, उत्पादन, कृषि ऋण एक बार माफ़ किए जाए। राव गजराज ने कहा कि सरकार जब तक मुख्य रूप से किसानों की समस्याएं तथा जमीन से जुड़ी परेशानियों को नहीं समझेगी, तब तक किसान कर्ज के नीचे दबे रहेंगे। वहीं कर्जमाफी की नीति को स्पष्ट करते हुए किसानों को न्यूनतम फसल कानून ला कर उसे जमीनी स्तर पर लागू कराना चाहिए। चुनाव के वक्त किसानों से किए गए उन सभी वायदों को सरकार को पूरा करना चाहिए जिन मुद्दों के आधार पर केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनी थी।
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