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बजट से माध्यम वर्ग, नौकरीपेशा को मायूसी, किसानों के खिले चेहरे

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PBK News : बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए जाने से नौकरीपेशा लोगों को मायूसी मिली है। ऊपर से वित्त मंत्री शिक्षा और स्वास्थ्य पर 1 प्रतिशत सेस बढ़ा दिया है जिसका बोझ भी आम आदमी पर ही पड़ेगा। बजट में वेतनभोगियों के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसे लेकर एक्सपर्टस ने 8 पॉइंट बताए हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है।

व्यक्तिगत आयकर स्लैबः कोई परिवर्तन नहीं। मूल छूट की सीमा को बढ़ाया नहीं गया। अतः मौजूदा कर स्लैब पर कर का भुगतान जारी रहेगा।

शिक्षा उपकर में वृद्धिः मौजूदा सेस 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। इससे करदाताओं की सभी श्रेणियों में कर बढ़ेगा। यदि आपकी आय 15 लाख रुपए है तो बजट के बाद टैक्स 2625 रुपए तक बढ़ जाएगा और 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच की कमाई के लिए कर दायित्व 1,125 रुपए बढ़ेगा।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स: वर्तमान में, इक्विटी शेयरों और इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंडों की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) नहीं लगता है अगर इसे आपने एक वर्ष से अधिक समय के लिए रखकर इस स्टॉक या एमएफ को बेच दिया है। अब, बजट ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पेश किया है जिसे 10% के आधार पर लगाया जाएगा, लेकिन सिर्फ उनके लिए जिनका लाभ 1,00,000 रुपए से अधिक है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत: आपके माता-पिता के लिए बजट में कुछ अच्छी घोषणाएं हैं, जो कि वरिष्ठ नागरिक हैं। अब बैंकों और डाकघरों में सावधि जमाओं पर मिलने वाले ब्याज आय में छूट की वर्तमान सीमा बढ़ा दी जाएगी। अभी इसकी सीमा 10,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि उन्हें 50,000 रुपए तक की ब्याज आय पर धारा 80 टीटीए के तहत कटौती के रूप में अनुमति दी गई है।

source by : dainik jagran

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