गुडग़ांव, 20 फरवरी (ब्यूरो) : कई बार लोग बिना डॉक्टर के परामर्श के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा लेते है, लेकिन उन दवाइयों से मरीज पर एलर्जी होने से विपरीत असर होता है। जिसको हल्के में नही लेते हुए मरीज को तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरुर है। उक्त बातें स्वास्तिक अस्पताल की डॉ. ऋतू ने बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक प्रणाली द्वारा किसी हानिरहित बाहरी पदार्थ, तत्व (जैसे पशु के बाल, मृत खाल, बीज आदि ) के संपर्क में आने पर उस पर उसके दी प्रति दी जाने वाली प्रतिक्रिया को एलर्जी कहा जाता है। एलर्जी के कारक (एलर्जन) के संपर्क में आने पर रोग प्रतिरोधक प्रणाली द्वारा उसके विरुद्ध एंटीबॉडीज बनायीं जाती हैं। इस प्रतिक्रिया से त्वचा पर निशान, सूजन, श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र में समस्याएं आ सकती हैं। एलर्जी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि मरीज को आराम मिल सके
डॉ. ऋतू ने बोलते हुए बताया कि एलर्जी के लक्षण, एलर्जन (एलर्जी के कारण) और व्यक्ति पर निर्भर करते हैं। हालाँकि, अलग-अलग एलर्जी के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, पर उनसे होने वाली परेशानीयां और उनके रहने का समय अलग हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान फीवर के दौरान होने वाली एलर्जी में अत्यधिक छींकें आना, नाक से साँस लेने में कठिनाई होना, नाक, आँखों और तालु में खुजली होना, नाक बहना या जाम होना, आँखों में सूजन और लाली होती है।
वही आहार से होने वाली एलर्जी से निम्न लक्षण हो सकते हैं जैसे मुँह में खुजली और चुभन, होंठ, जीभ और गले में सूजन, मुंह और शरीर में लाल, बैंगनी चकत्ते (हाइव्ज), ऐनाफाईलेक्सिस तो वही दवाइयों से होने वाले लक्ष्ण चकत्ते, निशान, त्वचा में खुजली, चेहरे पर सूजन, सांस संबंधी परेशानी होना, ऐनाफाईलेक्सिस।
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