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मेवात की साम्प्रदायिक एकता की मिसाल अनुकरणीय : वशिष्ठ गोयल

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गुडग़ांव (अजय) : अनादि काल से भारत अनेकों धर्म तथा संस्कृतियों का एक ऐसा संगम कहलाता है जहां सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते आए हैं। भारत विशेषकर मेवात की साम्प्रदायिक एकता की मिसाल विश्वभर में अनुकरणीय है।
यह विचार नवजन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ गोयल ने रोजका मेव सोहना में अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा की ओर से आयोजित एक बैठक में कही। वशिष्ठ गोयल वहां विशेष तौर पर शहीदाने मेवात सभा के पदाधिकारियों के निवेदन पर पहुंचे थे। इस मौके पर शहीदाने मेवात सभा के अध्यक्ष सरफुद्दीन ने वशिष्ठ गोयल एवं नवजन चेतना मंच की पूरी टीम को आगामी 15 मार्च को उटावड़ मोड़ पर मेवात के बहादूर शहीद राजा हसन खां मेवाती के 492 वें शहीदी दिवस पर पधारकर अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अनुरोध किया। इस पर वशिष्ठ गोयल ने उनके इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा कि वीर बहादूर शहीद राजा हसन खां मेवाती ने शहादत की जो बुनियाद इस क्षेत्र में डाली उसी से प्रेरणा लेकर यहां के लोगों ने जंगे आजादी में न केवल अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिए थे बल्कि देश की आजादी के रण में हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था।
इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए वशिष्ठ गोयल ने कहा कि हमारा मंच एक गैर राजनैतिक संगठन है तथा राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है। हम हरियाणा के लोगों को न्याय, सुरक्षा और सम्मान दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं जिसका हमें व्यापक समर्थन मिल रहा है।
बैठक में नवजन चेतना मंच के विनोद नंबरदार ने वशिष्ठ गोयल को शेरे हरियाणा बतलाते हुए कहा कि इनकी नीति शुरू से ही कौमी एकता के पक्ष में रही है। उन्होंने कहा कि बैठक में इलाके में सांप्रदायिक एकता और सद्भभावना को बढ़ावा देने तथा राजा हसन खां मेवाती का शहीदी दिवस मनाने पर चर्चा की गई।
शहीदाने मेवात सभा के अध्यक्ष सरफुद्दीन तथा उनके साथियों ने कहा कि नवजन चेतना मंच जो इलाके के लोगों को न्याय, सुरक्षा और सम्मान दिलाने के उद्देश्य से आगे आया है, बहुत ही सराहनीय कदम है। सरफुद्दीन और मौके पर मौजूद उनके साथियों ने वशिष्ठ गोयल को आश्वस्त किया कि इस नेक काम में शहीदाने मेवात सभा का आशीर्वाद उन्हें मिलता रहेगा। इस मौके पर नवजन चेतना मंच के आजाद जैदी, डॉ संजय दायमा, कृष्ण यादव के साथ-साथ शहीदाने मेवात सभा के उपाध्यक्ष अख्तर हुसैन, रायसिका, जिला अध्यक्ष काले खां, डॉ प्रभु दयाल आर्य, मोहम्मद जकरिया, मलाई, ओम प्रकाश चोपड़ा, कारी नसीम अहमद, ईमाम सोहना मस्जिद, धर्मपाल आकेड़ा आदि मौजूद रहे।

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