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मनमाफिक चीजें पाने के लिए ज्यादा मेहनत से युवा करे कोशिश : अशोक यादव

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गुड़गांव, 23 मार्च (अजय) : जब चीजें मनमाफिक न हों तो घबराएं नहीं, उसे पाने की कोशिश ज्यादा मेहनत से करें। क्योंकि धैर्य की जरूरत मंजिल के करीब ही सबसे ज्यादा होती है। उक्त बातें बादशाहपुर सहित अशोका इंटरनेशनल स्कुल के डायरेक्टर अशोक यादव ने बोलते हए कही उन्होंने कहा कि कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन नही होने से कुछ स्टूडेंट परेशानी हो जाते है लेकिन उन्हें परेशान नही होना चाहिए बल्कि लगातार और मेहनत के साथ कोशिश करनी चाहिए

इंतजार करना भी जरूरी
यह जरूरी नहीं कि सफलता पहली या दूसरी बार में ही मिले। ऐसे तमाम उदाहरण मिल जाएंगे जब एक कोशिश में सफलता नहीं मिलती है। कई बार इंतजार भी करना पड़ता है। इंतजार का मतलब यह नहीं है कि इंतजार में उम्र ही गुजार दें। इंतजार से सीधा तात्पर्य है कि धैर्य बनाकर रखना। धैर्य वही बनाकर रख सकता है जो इंतजार करने के लिए भी तैयार है। क्योंकि यह भी सच है कि इंतजार का फल मीठा होता है, इसमें दो राय नहीं है।

बेहतर है पछताने से
ऐसे कई लोग आपको मिल जाएंगे जो यह कहते रहते हैं कि काश! मैंने कुछ समय और धैर्य से काम लिया होता और तैयारी जारी रखता तो सफलता मिल जाती। राजेश कुमार, स्टेट सिविल सर्विसेस की तैयारी दो साल से कर रहा था। उसने पिछले दोनों बार पीटी की परीक्षा पास की थी, लेकिन मुख्य परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पा रहा था। तीसरी बार में वह पीटी और मुख्य परीक्षा दोनों पास कर गया, लेकिन साक्षात्कार में सफल नहीं हो सका। इस समय तक वह परेशान हो चुका था। उसने आनन-फानन में एक प्राइवेट फर्म में काफी कम सैलरी वाली जॉब जॉइन कर ली। वहीं उसके ऐसे कुछ दोस्त थे जो अब तक एक बार भी पीटी एग्जाम में भी सफल नहीं हो पाए थे, उन लोगों ने तैयारी जारी रखी और अंतत: वे स्टेट सिविल सर्विस में क्वॉलिफाई कर गए और उनकी पोस्टिंग भी हो गई। जबकि उससे बेहतर तैयारी करने वाला आज भी पछता रहा है और दूसरों को सुनाता है कि काश! उसने कुछ और समय तैयारी की होती। इसलिए यह अहम है कि हम अमूमन धैर्य उस समय खोते हैं जब सफलता हमारे काफी करीब होती है।

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