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HRA के साथ भी ले सकते हैं होम लोन पर टैक्स बेनेफिट, एक्सपर्ट से समझिए कैसे

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नई दिल्ली । क्या अपना मकान होने पर भी कोई नौकरीपेशा होम रेंट एलाउंस (HRA) का फायदा ले सकता है, क्योंकि एचआरए वह राशि होती है जो नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को किराए के घर में रहने पर दी जाती है? यह एक ऐसा सवाल है जो बहुत से करदाताओं को उस समय असमंजस में डाल देता है जब वे अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइन कर रहे होते हैं। ज्यादातर करदाता इस बात को नहीं जानते होंगे आप दोनों बेनेफिट एक साथ कब और किस स्थिति में ले सकते हैं। अपनी इस खबर में हम आपको एक्सपर्ट की मदद से यह बता रहे हैं कि आप किस स्थिति में होमलोन के साथ भी एचआरए का फायदा उठा सकते हैं।

पहले समझिए किसे मिलता है HRA: हाउस रेंट अलाउंस पर टैक्स लाभ का फायदा सिर्फ वही व्यक्ति ले सकता है, जो अपने नियोक्ता से एचआरए प्राप्त करता है। यह सेल्फ एम्प्लॉयड व्यक्ति के लिए नहीं होता है। इसका लाभ उठाने के लिए, कर्मचारी की ओर से किराए पर खर्च करना अनिवार्य होता है। साथ ही इसके लिए करदाता का उस जगह पर रहना भी जरूरी है जिसके लिए वह किराया दे रहा है। बिना किराए पर रहे एचआरए का दावा नहीं किया जा सकता।

कितना मिलता है HRA: आयकर विभाग के 2ए नियम के मुताबिक एचआरए के लाभ इन तीनों में से जो कम होगा वो होंगे:

(a) मूल HRA जो आपको वास्तव में प्राप्त हुआ है

(b) बेसिक सैलरी से 10 फीसद अधिक का किराया

(c) अगर कोई कर्मचारी मेट्रो शहरों में रहता है तो उसकी बेसिक सैलरी का 50 फीसद

अब समझिए होमलोन पर कितनी छूट: होम लोन की ईएमआइ के मुख्यत: दो हिस्से होते हैं पहला मूलधन और दूसरा ब्याज का हिस्सा। सेक्शन 80 C के तहत होमलोन के मूलधन पर आप 1,50,000 रुपए तक का टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं। वहीं सेक्शन 24 बी के तहत आपको 2 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स बेनेफिट होता है। आसान शब्दों में समझें तो अगर आपने एक वित्त वर्ष के दौरान होमलोन में 1.5 लाख रुपए मूलधन और 2 लाख रुपए ब्याज के चुकाए हैं तो आप 3.5 लाख रुपए की राशि पर टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं।

दोनों का साथ फायदा कब और कैसे मिलेगा?

टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक अगर कोई करदाता किसी वजह से अपने खरीदे हुए मकान में नहीं रहता और जहां रह रहा है वहां किराए का भुगतान कर रहा है तो निश्चित तौर पर उसे दोनों ही फायदे मिलेंगे। बलवंत जैन ने बताया कि आयकर कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं जो किसी करदाता को ऐसा करने से रोके। हालांकि करदाता को यह सुनिश्चित करना होगा वह दोनों ही चीजों (किराए और लोन की किस्त) का भुगतान कर रहा है।

उदाहरण से समझ लीजिए?

मान लीजिए किसी व्यक्ति ने ग्रेटर नोएडा में कोई मकान खरीदा और वह गुरुग्राम में नौकरी करता है। ग्रेटर नोएडा वाले मकान में उसके परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं और उसने इस मकान को खरीदने के लिए कोई लोन ले रखा है जिसका वह भुगतान कर रहा तो उसे इस मकान पर लिए गए होम लोन की अदायगी पर टैक्स बेनेफिट मिलेगा। वहीं गुरुग्राम के जिस मकान में वह किराए पर रह रहा वहां उसे एचआरए का बेनेफिट मिलेगा।

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