नई दिल्ली । कहते हैं न कि वक्त बड़ा बलवान, किसी भी व्यक्ति का वक्त कब बदल जाए कोई नहीं जानता। क्रिकेट खिलाड़ी भी इंसान ही होते हैं और उनका जीवन भी कब बदल जाए कहना मुश्किल है। आज हम आपको एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं, जो एक साल पहले क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुका था, लेकिन एक साल के बाद वो अपने देश की अंतरराष्ट्रीय टीम का कप्तान बन गया। यहां तक कि इस खिलाड़ी ने क्रिकेट उपकरण निर्माता कंपनी कूकाबूरा के साथ नौकरी की पेशकश भी स्वीकार कर ली थी। इस खिलाड़ी का नाम है टिम पेन।
इस तरह बने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान
केपटाउन टेस्ट में बॉल टेपरिंग की घटना की वजह से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की विश्व भर में खूब किरकिरी हो रही है। इस शर्मनाक घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ जेम्स सदरलैंड ने स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और बैनक्राफ्ट को सस्पेंड करते हुए स्वदेश लौटने का फरमान सुना दिया। स्वटीव स्मिथ के कप्तानी से बर्खास्त होने के बाद चौथे टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने टीम की कमान टीम पेन के हाथों में सौंप दी है।
उतार-चढ़ाव से भरा रहा है पेन का करियर
टीम पेन का क्रिकेट करियर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम में वो कभी भी अपना स्थान पक्का नहीं कर पाए और टीम से अंदर-बाहर होते रहे। 7 साल के लंबे अंतराल के बाद चार महीने पहले जब उनका टेस्ट टीम में चयन किया गया, तो सभी को हैरानी हो गई की इतने लंबे समय के बाद इस खिलाड़ी का चयन क्यों किया गया। हालांकि पिछले साल ही टीम पेन क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, वो ऑस्ट्रेलिया की क्षेत्रीय तस्मानिया टीम से बाहर थे। इतना ही नहीं उन्होंने क्रिकेट के सामान बनाने वाली कंपनी कूकाबूरा के साथ नौकरी की पेशकश भी स्वीकार कर ली थी और इसके लिए वो मेलबर्न शिफ्ट भी हो गए थे।
इस तरह फिर हुई क्रिकेट में वापसी
क्रिकेट छोड़ने की पूरी तैयारी कर चुके टिम पेन कि किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था, उन्हें अपने देश की अंतरराष्ट्रीय टीम का कप्तान बनना था। क्रिकेट छोड़ने जा रहे टीम पेन को तस्मानिया की टीम मुश्किलों में घिरी तो उन्होंने इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ को वापस बुला लिया। इसके साथ ही पेन को दो साल का करियर एक्सटेंशन भी दिया गया।
पेन ने बताया, ‘मैं कूकाबूरा में नौकरी स्वीकार करने से बहुत दूर नहीं था। एक वक्त हालात ऐसे थे कि मेरे लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना ही ज्यादा था। मैं खुशकिस्मत रहा हूं कि क्रिकेट तस्मानिया में काफी बदलाव हुए। मैं और कुछ अन्य सीनियर खिलाड़ियों के लिए यह नई शुरुआत थी।’
टीम से बाहर होने के बाद गए हनीमून पर
2016 में टिम पेन को तस्मानिया की टीम से बाहर किया गया, तो वो हनीमून पर चले गए थे। 2017 में जब वह क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, तब उनकी पहली संतान उनकी बेटी का जन्म हुआ। उनकी बेटी का नाम ‘मिला’ है।
इस वजह से भी लगा मैदान पर आने में समय
2011 तक टिम पेन चार टेस्ट और 26 वनडे खेल चुके थे। उन्हें कप्तान के विकल्प के तौर पर देखा भी जा रहा था, लेकिन एक मैच में उंगली में लगी चोट उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुई। टूटी उंगली को जोड़ने के लिए किए गए 6 ऑपरेशन नाकाम रहे। इसकी वजह से उन्हें मैदान पर वापसी करने में काफी वक्त लग गया।
Comments are closed.