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ग्वालियर में शांति मार्च से 3 घंटे उत्पात, लोग दहशत में रहे, पुलिस देखती रही

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ग्वालियर । अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग के सामाजिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के शांति मार्च ने शुक्रवार को शहरभर में हंगामा और दहशत फैला दी। शांति मार्च तीन घंटे उत्पात मचाता रहा। सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में अचानक ही शांतिमार्च में हजारों की भीड़ सड़कों पर जुट गई।

पहले मार्च शांतिपूर्ण था लेकिन भीड़ बढ़ी तो उत्पात भी बढ़ता गया। मार्च में शामिल युवकों ने फूलबाग सहित शहर के अन्य चौराहे व सड़कों पर कब्जा जैसा ही जमा लिया और हाथ में डंडे लेकर फूहड़ डांस व नारेबाजी करने लगे। वाहन चालक अचानक भीड़ देख दहशत में आ गए और तमाशबीन बनी पुलिस की हिम्मत ही नहीं पड़ी कि कुछ कर पाए। यहां तक की सरकारी संपत्ति को भी उत्पातियों ने नहीं छोड़ा। महिलाएं,युवतियों व बुजुर्गाें से धक्कामुक्की और अभद्रता होती रही और मजबूरन वे झेलते रहे।

सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा एससीएसटी एक्ट में नई गाइड लाइन तय करने के विरोध में आज अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लोगों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर फूलबाग से सुबह 10 बजे से रैली निकाली। रैली में करीब 5000 की संख्या से ज्यादा युवक और महिलाएं शामिल थीं। लेकिन नदीगेट चौराहा पार करते ही रैली में शामिल लोगों ने नियमों को तोड़ना प्रांरभ कर दिया।

नदीगेट चौराहे से रैली के कारण जगह-जगह जाम लगना प्रांरभ हो गए। यह रैली फूलबाग से इंदरगंज चौराहा, हाईकोर्ट, दौलतगंज, महाराज बाड़ा, राममंदिर, शिंदे की छावनी से होते हुए वापस लगभग दोपहर 1 बजे फूलबाग चौराहे पर पहुंची। वहां पर रैली ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।

जबरन लगाया चौराहों पर जाम
रैली जब चौराहों पर पहुंचती तो उसमें शामिल आगे वाले लोग चौराहा पार करते ही ठहर जाते थे, इसके बाद वह पीछे आने वाले अपने साथियों का इंतजार करते। जब सभी साथी पहुंच जाते तब यह रैली आगे बढ़ती थी। इस दौरान चौराहों पर पूरी तरह से जाम लगा रहता था।

भड़काऊ नारों से गूंजी सड़कें
रैली में शामिल युवक बीच-बीच में दूसरी जातियों के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगाते जा रहे थे जिसके कारण जिस सड़क से यह रैली निकली वहां पर अन्य जातियों के लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया।

निगम के बैनरों को फाड़ा
रैली में शामिल लोग कई स्थानों पर उपद्रव भी कर रहे थे। रैली जब नदीगेट गुरुद्वारे के सामने पहुंची तो वहां पर प्रतिमा के चारों और लगे जल बचाओ का बैनर लगा था। इस बैनर को रैली में शामिल लोगों ने डंडों से फाड़ दिए। बाद में रैली में शामिल कुछ बुजुर्गाे ने युवकों को बैनर फाड़ने से रोका।

फूलबाग चौराहे पर महिलाओं से अभद्रता
फूलबाग चौराहा से पड़ाव की ओर जाने वाले मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने रैली में शामिल युवकों ने सड़क पर बाइक को लगाकर जबरन जाम लगा दिया, साथ ही लोगों को भी आगे जाने से रोक दिया। वहीं एक महिला ने जब पैदल बाइकों के बीच से निकलकर जाने का प्रयास किया तो युवकों ने उसे बीच में रोक दिया। साथ ही उसे चारों ओर से घेरकर जबरन नारेबाजी करने लगे। इसी बीच कुछ युवकों ने महिला के साथ धक्कामुक्की भी की। करीब 10 मिनट तक महिला को युवक घेरे रहे। वहीं युवती के साथ अभद्रता को जब दूसरे लोग वीडियो बनाने लगे तब उसे जाने दिया गया।

जब अफसर पहुंचे समझ ही नहीं पाए-ये क्या हो रहा
फूलबाग चौराहे पर काफी देर हंगामे और लोगों के परेशान होने के बाद जब डीएसपी ट्रैफिक विक्रम कनपुरिया,टीआई ट्रैफिक एचएल प्रजापति पहुंच तो वे भी सन्न् रह गए। उन्हें खुद नहीं समझ आया कि ये क्या बवाल हो रहा है। तब जाकर उन्होंने उत्पातियों को छेड़ने की बजाए बेरिकेड्स डाल ट्रैफिक खुलवाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ इतनी थी कि तत्काल कुछ नहीं हो पाया।

राष्ट्रपति मुर्दाबाद,मीडिया भी मर गई
शांति मार्च में उत्पाती युवक राष्ट्रपति मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और मीडिया के प्रतिनिधियों को देख चिल्लाने लगे कि मीडिया तो मर गई है। डरे सहमे कुछ पुलिसकर्मी युवकों के पास रोकने पहुंचे लेकिन पुलिस की खुद हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें टोक दें।

लोगों का रोज चालान-यहां नकाबपोश तीन सवारियों को क्यों नहीं रोका
ट्रैफिक और थाना पुलिस रोज सड़कों पर हेलमेट और तीन सवारी का चालान करती है,यहां शांतिमार्च में हजारों की भीड़ में सैकड़ों युवक मुंह पर काले कपड़े बांधे हुए एक बाइक पर चार-चार फर्राटे भर रहे थे। यह सब पुलिस के सामने ही हो रहा था लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। खुद डीएसपी ट्रैफिक और टीआई के सामने लोग तीन तीन सवारी और बिना हेलमेट तेज रेस देते हुए निकल रहे थे।

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