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सरकारी कार्यक्रमों में अस्पतालों की एंबुलेंस व्यस्त मरीज दर-दर भटक रहे : वशिष्ठ गोयल

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PBK News, 21 अप्रैल (ब्यूरो) : सोहना गुड़गांव में जब भी सरकार का कोई सरकारी कार्यक्रम होता है या फिर मुख्यमंत्री के आगमन पर सभी विभाग के अफसर उनके आव भगत में जुट जाता है जिसके चलते गुड़गांव की सभी सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से रुक जाती है उक्त विषय में नव जन चेतना मंच से वशिष्ठ गोयल ने बोलते हुए कही उन्होंने कहा कि इस बार सरकारी कार्यक्रम गुड़गांव में रखे जाने से गुड़गांव से सोहना तक सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज तथा मरीजों को लाने ले जाने वाली एम्बुलेंस सेवा ठप रही है चलते मरीज परेशान रहे

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत जिले के सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत 658 कर्मचारियों में से 575 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। ऐसे में तीन हजार तक ओपीडी पर पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने अरेजमेंट किया था, लेकिन इसके बावजूद मरीज परेशान हुए। सबसे ज्यादा परेशानी एंबुलेंस सेवा बंद रहने से मरीजों को हुई। जबकि अन्य विंग में दो से तीन परमानेंट कर्मचारी होने की वजह से काम प्रभावित हुआ। एनएचएम कर्मचारियों ने अस्पताल के मेन गेट पर बैठकर विरोध किया। एनएचएम कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक उच्चाधिकारी हटाए गए चार कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं करेंगे, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। कर्मचारियों को बिना किसी गलती के फंसाकर हटाया गया है।
निक्कू वॉर्ड से 3 बच्चे सफदरजंग रेफर : निक्कू वार्ड का भार एनएचएम कर्मचारियों पर ही रहता है। सोमवार को निक्कू वार्ड में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। जबकि पहले से भर्ती 15 बच्चों में से 3 को सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। 4 को डिस्चार्ज करते हुए बाकी सामान्य मरीजों को स्टाफ नर्स की देखरेख में छोड़ा गया। वार्ड के डॉक्टरों का कहना है कि स्टाफ नर्स बच्चों की देखभाल के लिए योग्य नहीं है।
एंबुलेंस सेवा एनएचएमकर्मियों पर निर्भर, 100 से अधिक ड्राइवर व 50 ईएमटी कार्यरत
गुड़गांव. एंबुलेंस सेवा बंद होने के कारण सिविल अस्पताल से प्राइवेट वाहन से ले जाते मरीज के परिजन।
मांगों को लेकर प्रदर्शन करतीं एनएचएम कर्मचारी।
गायनी वार्ड भी प्रभावित हुआ
गायनी वार्ड में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि एनएचएम कर्मचारी स्टाफ नर्स के तौर पर यहां सेवा देती हैं। हड़ताल के कारण उनके नहीं आने से रेगुलर स्टाफ नर्स और डॉक्टर्स पर काम का बोझ बढ़ गया है। सोमवार को वॉर्ड में 29 महिला भर्ती थीं, जिनकी देखभाल करने के लिए अधिकारियों को स्टाफ की डिमांड भेजी है।
अफसर बोले, 3-3 महीने का कॉन्ट्रेक्ट बढ़ाया
सीएमओ डॉ. बीके राजौरा ने बताया कि सभी कर्मचारियों को तीन-तीन महीने का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू कर दिया गया है। यह कई दिन पहले हो सकता था, लेकिन जिला उपायुक्त काफी व्यस्त रहे, जिससे सोमवार को चारों कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट तीन महीने के लिए बढ़ाया गया है।
यूनियन: एक साल का हो कॉन्ट्रेक्ट
एनएचएम कर्मचारी यूनियन के जिलाध्यक्ष हरीराज ने बताया कि चार कर्मचारी जिनमें ईएमटी मनोज, मनीता स्टाफ नर्स, सरिता एएनएम व फर्रुखनगर में कार्यरत एकाउंट असिस्टेंट ज्योति का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया गया। इनमें मनोज व मनीता का कॉन्ट्रेक्ट बाहरी डिलीवरी होने के कारण रोका गया, जबकि इनकी गलती कुछ नहीं थी। इसके अलावा 10 अन्य कर्मचारियों का तीन-तीन महीने का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू किया गया। हम तब तक हड़ताल पर रहेंगे, जब कि सभी कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट एक साल के लिए रिन्यू नहीं किया जाता। मंगलवार को भी हड़ताल जारी रहेगी।
एंबुलेंस सेवा पूरी तरह एनएचएम कर्मचारियों पर निर्भर है। इसमें 100 से अधिक ड्राइवर व 50 ईएमटी कार्यरत हैं। जो गर्भवती महिलाओं, रोड एक्सीडेंट में दुर्घटनाग्रस्त व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों के लिए फ्री होती है। सोमवार को हड़ताल के दौरान एंबुलेंस सेवा पूरी तरह बंद रही। ऐसे में मरीजों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। भोंडसी निवासी राजेन्द्री ने बताया कि उसे भोंडसी से एंबुलेंस नहीं मिलने पर मजबूरन निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। उसे गुड़गांव के सिविल अस्पताल तक पहुंचने के लिए 300 रुपए देने पड़े। इसी तरह फर्रुखनगर निवासी कमलेश ने बताया कि वह सुबह से 108 नंबर पर एंबुलेंस के लिए कॉल करती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। मजबूरन निजी गाड़ी कर अस्पताल आना पड़ा।

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