लाहौर । 2008 के मुंबई हमलों का मास्टर माइंड और जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद अब पाकिस्तान की राजनीतिक में अपने पैर जमाने के लिए सिखों पर अपना दांव चल रहा है। अब वे पाकिस्तानी सिखों से अपने राजनीतिक दल (मिल्ली मुस्लिम लीग) के लिए समर्थन जुटाने में लगा है, जिसको लेकर हाफिज सईद ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों के साथ मुलाकात की है। आतंकी हाफिज सईद ने अपने राजनीतिक दल के लिए सिखों का समर्थन मांगा है और भारत के खिलाफ उन्हें भड़काने का भी काम किया है। इस मुलाकात के दौरान हाफिज सईद के साथ एम-मुस्लिम लीग का प्रमुख सैफुल्लाह खालिद भी मौजूद था। यह संगठन जेयूडी की राजनीतिक शाखा है, लेकिन पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इसे अभी तक पंजीकृत नहीं किया है। गृह मंत्रालय की आपत्ति के बाद यह फैसला लिया गया था।
सूत्रों का कहना है कि ननकाना साहिब के जेयूडी दफ्तर में यह बैठक हुई। सईद ने सिखों को कहा कि उनका समुदाय बहादुरों की कौम है, लेकिन भारत में उनके साथ अत्याचार हो रहे हैं। पाक सरकार इस मसले पर चुप है, क्योंकि भारत से दोस्ती की खातिर वह कोई भी कीमत अदा कर सकती है। हाफिज के सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित किया है।
बैठक में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गोपाल सिंह चावला भी मौजूद रहे। जानकारों का कहना है कि एम-मुस्लिम लीग अगले आम चुनाव में भागीदारी करना चाहती है। सईद चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करना चाहता है, बावजूद इसके कि संगठन की चुनाव आयोग में मान्यता नहीं है। पंजाब के ननकाना साहिब में बड़ी संख्या में सिख रहते हैं।
गौरतलब है कि आतंकी हाफिज सईद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगने के बाद से वो बौखलाया हुआ है, जिसके बाद वो पाकिस्तान की राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश में जुट गया है। जब यहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी, तो अब नए दांव-पेंच पर उतर आया है।
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