नई दिल्ली । दिल्ली सरकार और अधिकारियों में लगातार चल रही तनातनी के बीच नया विवाद अधिकारियों के समय पर कार्यालय पहुंचने को लेकर खड़ा हो गया है। शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के लिए सुबह समय पर कार्यालय पहुंचने का फरमान जारी किया है, जबकि मुख्य सचिव ने फरमान पर यह टिप्पणी कर सवाल खड़ा कर दिया कि अधिकारी निर्धारित घंटों से ज्यादा काम करते हैं। यहां तक कि छुट्टी के दिन भी काम करते हैं, इसलिए उन्हें समय की डोर से नहीं बांधा जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक शहरी विकास मंत्री ने अपने आदेश में चार और पांच मई के औचक निरीक्षण का उल्लेख किया कि 10 बजकर 20 मिनट तक भी 11 अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे थे। जब अधिकारी समय से कार्यालय नहीं पहुंचेंगे तो सरकार के जनकल्याण के कार्यों को रफ्तार कैसे देंगे।
सत्येंद्र जैन ने विभाग के सभी अधिकारियों को तय समय पर कार्यालय पहुंचने की हिदायत दी है। चेतावनी भी दी है कि जो अधिकारी इस आदेश का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के इस आदेश पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने टिप्पणी कर मंत्री के कर्तव्य और अधिकारों पर सवाल उठाया।
उन्होंने लिखा, ‘समयबद्धता महत्वपूर्ण है, इसके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे, लेकिन मंत्री महोदय को यह भी पता होना चाहिए कि अधिकारी समय की सीमाओं से कहीं अधिक काम करते हैं। जरूरत हो तो छुटटी भी नहीं लेते।’
मुख्य सचिव ने 1993 के एक नियम का हवाला देते हुए यह भी कहा कि किसी भी विभाग का प्रभारी मंत्री उस विभाग के कार्य निष्पादन को लेकर दिशा-निर्देश दे सकता है। इस तरह के आदेश नहीं दे सकता। इसलिए अगर मंत्री को कोई परेशानी है या उनकी कोई शिकायत है तो वह बताएं, न कि इस तरह का आदेश जारी करें।
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