वाशिंगटन । मनोरंजन के क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी डिजनी के पूर्व कर्मचारियों ने एच-1बी वीजा विवाद से जुड़ा मुकदमा वापस ले लिया है। इन कर्मियों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर यह आरोप लगाया था कि उनकी जगह पर एच-1बी वीजा धारकों को रखकर उनके साथ भेदभाव किया गया। एच-1बी वीजा धारकों में ज्यादातर भारतीय थे। यह वीजा भारतीय पेशेवरों में खासा लोकप्रिय है।
लंबी अदालती लड़ाई के बाद बुधवार को मुकदमा वापस लेने की घोषणा की गई। डिजनी के पूर्व आइटी कर्मियों की ओर से मुकदमा दायर करने वाली अमेरिकी अटार्नी सारा ब्लैकवेल ने कहा, ‘दुर्भाग्य से हम यह कानूनी लड़ाई हार गए।’ डिजनी की महिला प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे लिए सभी बराबर हैं।
मुकदमे पूरी तरह बेबुनियाद थे।’ एच-1बी गैर प्रवासी वीजा है। इससे अमेरिकी कंपनियों को उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों को नौकरी देने की अनुमति मिलती है। अमेरिका की ज्यादातर प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों के आइटी पेशेवरों को अपने यहां नौकरी पर रखने के लिए इसी वीजा पर निर्भर रहती हैं।
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