नई दिल्ली। यू एन फ्रेंड्स ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट ने 2018 की विश्व निवेश रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशी निवेशकों का निवेश 23 फ़ीसदी घटकर मात्र 1430 अरब डालर रह गया है। पिछले साल यह निवेश 1870 अरब डालर था। रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशी निवेश में आ रही कमी से विश्व की चिंताएं बढ़ गई हैं।
विकासशील देशों के लिए यह चिंता बहुत बढ़ी है। भारत में निवेश 44 अरब डालर से घटकर मात्र 40 अरब डालर रह गया है। लेकिन भारत से विदेशों में निवेश लगातार बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा निवेश भारत विदेशों में कर रहा है। 11 अरब डालर भारत ने विदेशों में निवेश किए हैं। ओएनजीसी ने भी बड़े पैमाने पर विदेशों में निवेश किया है।
उल्लेखनीय कि 2016 में रूस की राष्ट्रीय तेल कंपनी रोज नेफ्ट की 26 फ़ीसदी हिस्सेदारी ओएनजीसी ने खरीदी है। 2017 में भारत की एक सरकारी कंपनी ने नामाविया में टूयलो आयल से 15 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। भारत में जहां विदेशी निवेश कम हो रहा है। वही भारत अपनी विदेशी मुद्रा से विदेशों में निवेश बढ़ाकर भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ एक तरह से खिलवाड़ कर रहा है।
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