गुड़गांव (अजय) : गर्मी का सीजन है तो वही नियमित सोडा व् सॉफ्ट ड्रिंक्स का इस्तेमाल हमारे सरकार के लिए ठीक नही है उक्त बातें डॉ. ऋतू ने बोलते हुए कहा कि हमे इसका नियमित इस्तेमाल करने से परहेज करना होता तभी हम स्वस्थ रह सकेगें
जब बात चाय-कॉफी की आती है तो अक्सर लोग कहते हैं कि इन चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि इसमें चीनी का इस्तेमाल होता है और ज्यादा चीनी सेहत के लिए नुकसादेह है। वहीं दूसरी तरफ गर्मी बढ़ने के साथ ही सोडा बेस्ड ड्रिंक्स को हम खुद से दूर नहीं कर पाते। वैसे तो सोडा बेस्ड ड्रिंक्स हमें तुरंत तरोताजा महसूस करवाती हैं लेकिन सोडा शरीर के अंदरूनी अंगों के लिए बेहद नुकसानदेह है.
सोडा बेस्ड सॉफ्ट ड्रिंक्स की बॉटल और कैन सस्ते प्लास्टिक और मेटल से बने होते हैं, ऐसे में नियमित रूप से इन ड्रिंक्स का सेवन करने से शरीर की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। खासतौर पर BPA एक केमिकल डो प्लास्टिक बॉटल्स को बनाने में इस्तेमाल होता है कि वजह से शरीर में कई तरह की हॉर्मोनल समस्याएं होती हैं और इससे मिसकैरेज का रिस्क बढ़ जाता है और फर्टिलिटी भी घट जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बहुत सी सोडा कंपनियां सामान्य नल के पानी का इस्तेमाल करती हैं जिसमें ढेरों बैक्टीरिया और कीटाणु होते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, इस तरह के पानी में लेड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो इंसान के शरीर के लिए हानिकारक है और पाचन तंत्र को पूरी तरह से कमजोर कर देता है।
बहुत सी सोडा बेस्ड सॉफ्ट ड्रिंक्स में फॉसफॉरिक ऐसिड की मात्रा ज्यादा होती है और डॉक्टरों की मानें तो इस तरह के ड्रिंक्स लिवर और किडनी को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर लंबे समय तक और नियमित तौर पर इन ड्रिंक्स का सेवन किया जाए तो गुर्दे संबंधी बीमारियां और किडनी स्टोन होने तक का खतरा रहता है।
एक रिसर्च के मुताबिक, हर दिन सोडा बेस्ड ड्रिंक्स का सेवन करने से मोटापे का खतरा 1.6 गुना बढ़ जाता है।सोडा बेस्ड ड्रिंक्स में अक्सर सोडियम बेन्जोनेट नाम के प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल होता है जो ड्रिंक्स में बैक्टीरिया के ग्रोथ और खाने को सड़ने से बचाता है। मेडिकल साइंस के मुताबिक, इस प्रिजर्वेटिव की वजह से अस्थमा होने का खतरा रहता है।
Comments are closed.