गुडगाँव, (अजय) : आजकल मॉल लूटपाट का जरिया बन गये हैं। सिनेमा हालों में प्रवेश से पूर्व गार्ड सुरक्षा की आड़ में खाने-पीने के अतिरिक्त पानी का बोतल भी ले जाने से रोक देते हैं। फिर फिल्म के मध्यांतर में ठंडे पेय और पॉपकॉर्न की कीमत दुगनी-तिगनी होती है। क्या शासन-प्रशासन ऐसे मनमानी करने वाले मॉलों पर नकेल कसेगा ?
अमानवीय व्यवहार
हाल ही में दिल्ली के एक निजी स्कूल में फीस न देने की वजह से बच्चों को स्कूल की बेसमेंट में बंद कर दिया गया। आखिर इस तरह के स्कूल समाज को क्या संदेश दे रहे हैं। सही मायनो में निजी स्कूलों ने शिक्षा को व्यापार बना लिया है। जरूरत है भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जाए ताकि बच्चों के मन में स्कूल के प्रति डर पैदा न हो।
सराहनीय कदम
पंजाब सरकार द्वारा नशे का कारोबार करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। यह सराहनीय कदम है। इस प्रकार का कानून अन्य राज्यों में भी बनाया जाना चाहिए।
सरकार को देश की आर्थिक स्थिति सुधारने तथा शिक्षा तथा स्वास्थ्य के नाम पर हो रही लुट पर भी संज्ञान लेते हुए बड़े कदम उठाने की जरूरत है
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