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टोल बूथ से मानेसर उद्यमियों का बढ़ रहा घाटा, जाम से लोग परेशान

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चंदे का पैसा नही मिलने से टोल हटाने पर हुई असहमति से लोगों में रोष

PBK News : खेडक़ी दौला टोल प्लाजा हटाने की मांगों को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न स्तर पर बातचीत कर फिलहाल इसका कोई रास्ता निकलता नही दिख रहा है। सरकार द्वारा रखे गये सुझावों को भी उदमियों ने नकारते हुए एक बार फिर से टोल प्लाजा हटाने के रास्ते पर ग्रहण लग गया है। किसी भी सुरत में दिल्ली जयपुर-हाइवे पर खेडक़ी दौला टोल हटाने को लेकर कोई भी विकल्प सिरे नही चढ़ रहा है। टोल नाके पर आये दिन लोगों तथा टोल कर्मियों के बिच टकराव होता देखा जाता है। कई मामलों में तो टोल कर्मियों की अभद्र व्यवहार से भी मामला मारपीट व झगड़े तक बढ़ जाता है। वही इस बिच सरकार द्वारा रखे गये सुझाव के बाद आई.एम.टी. मानेसर के उदमियो से आर्थिक सहयोग की मांग करते हुए इस मामले पर विचार विर्मश करने की बातें कही गई, लेकिन रविवार को उद्यमियों ने बैठक कर सर्वसम्मति से फैसला लिया कि टोल को हटाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे, मगर इसके लिए सरकार को कोई भी आर्थिक मदद नही देंगे। इससे पहले सरकार ने इंडस्ट्री से 200 करोड़ रुपए के सहयोग की अपेक्षा की थी।
एनएचए आई से 600 करोड़ की मांग
खेडक़ी दौला टोल प्लाजा को हटाने के लिए टोल संचालक कंपनी को बैंक लोन की मूल राशि का भुगतान करके टोल हटाने की पहल करने की बातें की जा रही है। जिसके लिए कंपनी ब्याज की राशि छोड़ दे तो लगभग 1200 करोड़ रुपए में समझौता हो जाएगा। जिसमे करीब 600 करोड़ रूपये एनएचएआई द्वारा लिया जाएगा, तो वही बाकि 600 करोड़ में से करीब 200 करोड़ रुपए राशि गुडग़ांव की उधोगों से वहन किया जाएगा। गुरुग्राम के बिल्डरों कॉलोनाइजर भी 200 करोड़ रुपए का आर्थिक मदद करेगें। बाकी बची शेष राशि करीब 200 करोड़ रूपये सरकार खर्च करेगी । परन्तु अब इंडस्ट्री एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है कि इससे हटाने के लिए वे एक रूपये क सहयोग नही दिया जायेगा। जिससे टोल हटाने की उम्मीदों पर फिर से पानी फिर गया है। जिससे लोगों में फिर से रोष दिख रहा है।

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