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सिलोखरा के नागरिकों का धरना जारी

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गुडग़ांव 20 जुलाई (अजय) : सिलोखरा तालाब (तीर्थ स्थल) की पंचायती जमीन पर भाजपा कार्यालय व ग्रुप हाउसिंग निर्माण केखिलाफ  व गांव के विकास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सिलोखरा सहित 360 गांवों के नागरिकों का धरना शुक्रवार को लगातार 11वें दिन भी जारी रहा। धरने के दौरान उमस भरी गर्मी के धरना दे रहे बुजुर्ग नागरिकों और महिलाओं की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। धरना 11 दिनों से लगातार जारी रहने के बावजूद अब तक सरकार का कोई प्रतिनिधि अथवा प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके कारण नागरिकों में भारी रोष है। उनका कहना है कि स्वयं जनहितैषी मुख्यमंत्री जनता के हितों की अनदेखी क्यों कर रहे हैं? सरकार जनता की आवाज को इस तरह से दबाकर क्या साबित करना चाहती है? उधर 11वें दिन भी सिलोखरा के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए समाजसेवियों और राजनीतिक दलों का तांता लगा रहा। सोहना विधान सभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता अधिवक्ता निहाल सिंह धारीवाल ने आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार सिलोखरा के नागरिकों के साथ अन्याय कर रही है। सिलोखरा के नागरिक गांव के विकास की सार्वजनिक मांग को लेकर पिछले 11 दिनों से धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार ने उनकी बात सुनने का भी प्रयास नहीं किया। उन्होंने सरकार के समक्ष मांग रखी कि शीघ्र ही भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग को अन्यत्र शिफ्ट करने के साथ सिलोखरा के 8 नागरिकों पर थोपे गए फर्जी मुकदमे को वापस लिया जाए। निहाल सिंह ने प्रशासन से भी प्रश्र किया कि जब जिला उपायुक्त ने 15 दिनों के अंदर विकास कार्य शुरु कराने का आश्वासन दिया था तो वे क्यों ने स्पष्ट कर रहे हैं कि विकास क्यों नहीं शुरु हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारें अपना काम करतीं हैं, प्रशासन को जनहित में निष्पक्ष फैसला लेना चाहिए।
धरने का नेतृत्व कर रहे सिलोखरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा सहित 360 गांव के नागरिक गांव के विकास की मांग को लेकर पिछले सालभर से आंदोलन कर रहे हैं। शासन और प्रशासन के संज्ञान मेें सारा प्रकरण है। इस मामले से ईमेल के जरिए पीएम, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और जिला उपायुक्त व पुलिस आयुक्त से भी अवगत करा दिया गया है।  इसके बावजूद पिछले 11 दिनों से लगातार चल रहे धरने को संज्ञान में न लेना बेहद अफसोसजनक है। धरने पर बैठे लोगों की हालत खराब हो रही है। डा. शर्मा ने कहा कि भाजपा कार्यालय पंचायती जमीन और रिहायशी इलाके में बनवाने की जिद्द पर अड़े कुछ भाजपा नेता मुख्यमंत्री और प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं। जनता की आवाज को इस तरह से दबाना लोकतांत्रिक अवधारणा के विरुद्ध है और शासन व प्रशासन को यह अहसास होना चाहिए। डा. मुकेश शर्मा ने मांग रखी कि शासन और प्रशासन सिलोखरा के आंदोलन और विकास को लेकर शीघ्र निर्णय ले। सरकार को यह भी संज्ञान में होना चाहिए कि सिलोखरा के नागरिक कृतसंकल्पित हैं कि जब तब उनके गांव में विकास कार्य शुरु नहीं होते तब तक वे लगातार धरना देते रहेंगे इसके बावजूद सरकार का आम जनता के प्रति ऐसा रुख अख्तियार नहीं करना चाहिए। गुडग़ांव के नागरिकों द्वारा इसकी निंदा की जा रही है। क्योंकि इस आंदोलन में सिलोखरा के साथ गुडग़ांव के 360 गांवों के लोगों का समर्थन है। धरने में पूर्व सरपंच ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व पंच रामपत यादव, पूर्व सैनिक रामेहर यादव, देवेन्द्र यादव, रोहताश यादव, चंद्रभान सैनी, शेर सिंह पंडित, भरत सिंह, मामचंद सैनी, धर्मवीर शर्मा, अतर सिंह शर्मा पूर्व पंच, नीरज शर्मा एडवोकेट, भूपसिंह शर्मा, जयभगवान शर्मा, सुंदर यादव, रणबीर यादव, देवेंद्र शर्मा, रामधान सैनी, लक्ष्मीनारायण सैनी, अमर सिंह सैनी, अशोक शर्मा, सुभाष शर्मा, दीपक शर्मा, मनीष शर्मा, आशीष शर्मा, राधेश्याम शर्मा, देवीराम यादव, देवीराम शर्मा, गौतम सिंह खटाना सोहना, देवीराम सैनी, मोनू कुमार, वेदराम हलवाई, राहुल यादव, अजय कुमार, परमानंद शर्मा, विकास शर्मा, नरेश कुमार, राजपाल शर्मा, ममता शर्मा, मूर्ति, बीना, पुष्पा, राजवती, केला, राजबाला, अंगूरी, शांति, जगवती, संतोष, कविता, कमलेश, सुमन, बीरमती, संतोष, शारदा, नीरज देवी, लक्ष्मी, चमेली, बसंती, मनीषा और संतोष सैनी काफी संख्या में महिलाएं और सैकड़ों नागरिक शामिल रहे

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