[post-views]

सीबीआई को रोकने के लिए एनडीए के साथ गए पटनायक

48

नई दिल्ली । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि राहुल गांधी को जब आंख मारने से फुरसत मिल जाए तब वो जरा तथ्यों पर गौर कर लें। उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों का अपमान करने की कांग्रेस की परंपरा रही है। सिलसिलेवार ट्वीट में अमित शाह ने कहा कि संशोधित बिल के जरिए एससी/एसटी कानून को मजबूत करना और ओबीसी आयोग की स्थापना प्रधानमंत्री की विरासत में है, जबकि दलित नेताओं का अपमान करना, मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध करना और ओबीसी संस्था को मजबूत बनाने में बाधा डालना कांग्रेस की परंपरा रही है।

कांग्रेस और राहुल गांधी पर शाह ने यह हमला ऐसे वक्त किया है जब कांग्रेस अध्यक्ष ने जंतर-मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में दलितों के प्रति सरकार की नीति को लेकर मोदी की आलोचना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘दलित विरोधी’ मानसिकता के होने का आरोप लगाने के लिए राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए

एक के बाद एक ट्वीट में शाह ने कहा कि जब आपको आंख मारने और संसद बाधित करने से फुरसत मिल जाए तो तथ्यों पर गौर कर लें। उन्होंने जोर दिया कि राजग सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून को संशोधित कर इसे मजबूत किया है। शाह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मोदी से गले लगने के बाद लोकसभा में गांधी के आंख मारने का हवाला दे रहे थे।
अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि आपसे रिसर्च और ईमानदारी की उम्मीद करना मुश्किल है लेकिन फिर भी आप राजीव गांधी का मंडल के समय का बयान पढ़ें, जब उन्होंने इसका (सिफारिशों का) विरोध किया था। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पंचतीर्थ (आंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच स्थलों का संदर्भ) को विकसित किया, जबकि कांग्रेस ने दलित नेताओं और गौरव का अपमान किया।
उन्होंने लिखा कि सरकार ने संशोधित बिल के जरिए एससी/एसटी कानून को मजबूत किया है, फिर आप प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि आज जहां भी भाजपा की सरकार है, वहां पर दलितों पर हमला हो रहा है। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री की मानसिकता दलित विरोधी है। शाह ने कहा कि अच्छा होता कि कांग्रेस ने जिस तरह बाबा साहेब आंबेडकर, बाबू जगजीवन राम और सीताराम केसरी के साथ व्यवहार किया है राहुल गांधी उस पर बोलते। कांग्रेस ने लगातार दलितों के साथ अत्याचार किया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस दलितों से रहम और कृपापात्र की तरह व्यवहार करती है। वर्षों तक कांग्रेस ने दलित आकांक्षाओं का अपमान किया। उन्होंने पूछा कि क्या यह इत्तेफाक है कि जिस साल सोनिया गांधी कांग्रेस से जुड़ीं उसी साल थर्ड फ्रंट-कांग्रेस की सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया और जिस साल राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने तब उन्होंने एससी/एसटी कानून और ओबीसी आयोग का विरोध किया। यह पिछड़ा विरोधी सोच को दिखाता है।

Comments are closed.