लंदन । ब्लू वेल गेम’ और किकी चैलेंज के बाद इन दिनों सोशल मीडिया में मोमो चैलेंज काफी तेजी से वायरल हो रहा है। यह वॉट्सऐप के जरिए फैल रहा है। दावा किया जाता है कि मोमो जापान से ताल्लुक रखती है और ‘मोमो चैलेंज गेम’ के लिए जो डरावनी तस्वीर इस्तेमाल की जा रही है, उसे जापानी कलाकार मिदोरी हायाशी ने बनाया था। हालांकि हायाशी का इस गेम से कोई लेना-देना नहीं है। यह चैलेंज जोखिम भरा होता है।
मोमो इसे पूरा नहीं करने पर यूजर को डांटती है और सख्त सजा देने की धमकी भी देती है। इससे यूजर डरकर आदेश मानने को मजबूर हो जाता है। वह मोमो की बातों में फंसकर मानसिक अवसाद में चला जाता है और जान देने को मजबूर हो जाता है। मोमो चैलेंज लेने वालों में ज्यादातर बच्चे और नौजवान हैं। साइबर विशेषज्ञ के मुताबिक, ‘मोमो चैलेंज गेम से एक नहीं, बल्कि कई खतरे हैं।
इस गेम के माध्यम से अपराधी बच्चों और युवाओं को फंसाते हैं। निजी जानकारी चुराने के बाद उनके परिजन को ब्लैकमेल करने और फिरौती मांगने में भी इसका इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं, इस तरह के गेम से बच्चों को तनाव में डालकर उन्हें आत्महत्या करने के लिए उकसाते हैं।’ सबसे पहले यूजर को अज्ञात नंबर मिलता है, जिसे सेव कर हाय-हैलो करने का चैलेंज दिया जाता है
फिर उस अज्ञात नंबर पर बात करने का चैलेंज दिया जाता है आगे बढ़ते ही संदिग्ध नंबर से यूजर को डरावनी तस्वीरें और विडियो क्लिप्स आने लगते हैं यूजर को कुछ काम दिए जाते हैं, जिन्हें पूरा नहीं करने पर उसे धमकाया जाता है धमकी से डरकर यूजर खुदकुशी करने को मजबूर हो जाता है.डॉक्टरों का कहना है, ‘वॉट्सऐप या फेसबुक पर अगर बच्चा ज्यादा सक्रिय रहता है, तो उस पर नजर रखें।
उन्हें अज्ञात नंबरों पर बात करने से रोकें। बच्चे की आदतों में हो रहे बदलाव को भी महसूस करें। वह खुद में खोया रहे, शांत या गुमसुम बना रहे, अचानक खाना-पीना छोड़ दे, तो तुरंत मनोरोग विशेषज्ञ की मदद लें।’ अगर आप वॉट्सऐप या फेसबुक पर ज्यादा वक्त बिताते हैं, तो जरा सावधानी बरतें। इन नेटवर्किंग साइट्स पर आए अनजान नंबरों को बिना सोचे-समझे ‘सेव’ भी न करें।
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