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मिजोरम विस चुनाव में कांग्रेस को पटखनी देने की तैयारी में जुट गई भाजपा

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नई दिल्ली । भाजपा अपने कांग्रेस मुक्त भारत के अभियान को जारी रखते हुए मिजोरम में कांग्रेस को पटखनी देने की तैयारी में जुट गई है। साल के आखिर में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा पूरी तैयारी में जुट गयी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा जो चौथा राज्य है वह है मिजोरम।

भारत के नार्थ ईस्ट भाग में बसे इस छोटे से राज्य में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसंबर 2018 को खत्म हो रहा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि चुनाव इसके पहले ही कराए जाएंगे। नार्थ ईस्ट के सात राज्यों में से छह में भाजपा या उसके सहयोगी दलों के नेतृत्व वाली सरकार हैं। वर्तमान में मिजोरम में ललथनहवला के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। हम यह भी कह सकते है कि कांग्रेस या उसके गठबंधन द्वारा शासित चौथा राज्य और नार्थ ईस्ट में एक मात्र राज्य है मिजोरम।

स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर यहां का कई बार दौरा कर चुके हैं वहीं अब यहां राहुल गांधी का इंतजार है। अपने पिछले आगमन पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा था कि मिजोरम विधानसभा चुनाव के बाद पूर्वोत्तर ‘कांग्रेस मुक्त’ हो जाएगा।

भले ही यह सिर्फ अमित शाह का दावा है पर इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व मिजोरम के आगामी चुनाव को लेकर कितना गंभीर है। साथ ही साथ यह ये भी दिखा रहा कि कैसा भी चुनाव क्यों ना हो, भाजपा उसे कम कर के नहीं आंकती।

नार्थ ईस्ट में अन्य राज्यों में अपना परचम लहराने के बाद भाजपा मिजोरम में भी जीत हासिल करने की कोशिश में लगी हुई है। नार्थ ईस्ट के भाजपा के बड़े नेता हिमंत बिस्व सरमा भी हर महीने यहां का दौरा कर अपने कार्यकर्ताओं को जीत का भी मंत्र देते रहते हैं। इसके अलावा मिजोरम में भाजपा आरएसएस के सहारे बूथ स्तर तक अपने संगठन को मजबूत करने में भी जुट गई है।

कांग्रेस के वर्तमान रवैये से एक बात साफ होती दिख रही हे कि उसका राष्ट्रीय नेतृत्व मिजोरम चुनाव को लेकर गंभीर नहीं है या फिर यह हो सकता है कि स्थानीय कांग्रेस राहुल गांधी को साईड कर मिजोरम के सीएम के नाम पर ही चुनाव लड़े। बता दें कि मिजोरम विधानसभा में 40 सीटें हैं जिसमें से 34 सीटें जीतकर कांग्रेस सत्ता में है वही भाजपा को पिछले चुनाव में कोई भी सीट नहीं मिली थी।

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