भाजपा कार्यालय के खिलाफ सिलोखरा सहित 360 गांव के नागरिकों का धरना लगातार 33वें दिन जारी, नागरिकों का मिला भारी समर्थन, आक्रोषित महिलाओं ने कहा अत्याचार की सारी हदें पार कर रही भाजपा सरकार
गुडग़ांव, 11 अगस्त: सिलोखरा की 12 एकड़ पंचायती भूमि पर प्रस्तावित भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग अन्यत्र शिफ्ट करने के साथ गांव के विकास का रास्ता साफ करने की मांग को लेकर पिछले सालभर से आंदोलन कर रहे सिलोखरा सहित 360 गांव के नागरिकों का धरना शनिवार को लगातार 33वें दिन जारी रहा। शनिवार को भी धरना स्थल पर खापों के प्रधानों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, सरपंचों और पंचों का तांता लगा रहा और सभी ने सरकार के प्रति गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार सिलोखरा सहित पूरे गुुडग़ांव के नागरिकों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार को होश आना चाहिए कि धरने पर आम नागरिकों के साथ महिलाएं भी बैठी हैं फिर भी सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रहे हैं। सिलोखरा के नागरिक 360 गांवों के समर्थन से इतना लंबा आंदोलन चलाए और सरकार वादा करके भी पीठ दिखाने का काम कर रही है। नागरिकों ने सरकार के समक्ष मांग रखी कि भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग को शिफ्ट करने के साथ गांव के बुजुर्ग नागरिकों पर थोपा गया फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए और मुख्यमंत्री धरना स्थल पर आकर इसकी अधिकारिक रुप से घोषणा करें। लोगों ने एकमत होकर कहा कि जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करती तब तक धरना जारी रहेगा और इसे उग्र रुप दिया जाएगा। उधर धरना दे रहीं महिलाओं ने सरकार के रवैए पर घोर आक्रोष व्यक्त ऐलान किया कि वे हरियाली तीज को अध्यात्मिक रुप से जरुर मनाएंगी लेकिन उस दिन धरना स्थल पर काला दिवस घोषित किया जाएगा। धरने का नेतृत्व कर रहे सिलोखरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री, शासन और प्रशासन द्वारा सिलोखरा सहित पूरे गुडग़ांव के नागरिकों के साथ धोखा किया जा रहा है। स्वयं मुख्यमंत्री संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया होता है और उसका नैतिक दायित्व होता है कि अगर जनता न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है तो उनकी बातों को सुनें और मानें लेकिन मुख्यमंत्री तो गूंगा, बहरा और अंधा होने की स्थिति को चरितार्थ कर रहे हैं। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले मुख्यमंत्री को यह नहीं दिख रहा है कि सिलोखरा की महिलाएं अपनी धर्मस्थली की रक्षा के लिए इतने दिनों से हड़ताल पर बैठी हैं और उनकी हालत भी खराब हो रही है। त्यौहारों के मौसम में महिलाएं पूजन-अर्चन और पर्व छोड़कर धरना दे रहीं हैं और मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। डा. शर्मा ने कहा कि महिलाओं और नागरिकों का रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। महिलाओं ने तो अब हरियाली तीज को भी काला दिवस के रुप में मनाने का ऐलान कर चुकी हैं और ऐसा होना सरकार के लिए काफी घातक सिद्ध होगा। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं धरना स्थल पर नहीं पहुंचते अथवा किसी प्रशासनिक अधिकारी को सरकार के प्रतिनिधि के रुप में धरनास्थल पर भेजकर सिलोखरा के नागरिकों की मांगों के संबंध में अधिकारिक घोषणा नहीं करवाते तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सिलोखरा के नागरिकों की मांग है कि सिलोखरा की जिस 12 एकड़ भूमि को हाईकोर्ट ने वर्षों पूर्व चारागाह, धर्मस्थल और तालाब के साथ विकास कार्यों के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया है, उस पूरी जमीन को यथावत रखते हुए भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग को शिफ्ट किया जाए। धरने में बबिता कराना इनैलो नेत्री सोहना हल्का, रघुवीर शर्मा नंबरदार खजूरी-रेवाड़ी सरपंच, डा. केके जैलदार, पं. ओम प्रकाश पूर्व सरंपच, पं. मांगेराम प्रधान ब्राह्मण सभा, अतर सिंह शर्मा पूर्व पंच, राजबाला शर्मा पूर्व सरपंच, प्रेम शर्मा पूर्व पंच, हेमंत शर्मा पूर्व पंच, पवन शर्मा पूर्व पंच, मंजू शर्मा पूर्व पंच, राजपाल शर्मा पूर्व पंच, प्रेम शर्मा पूर्व पंच, तेज शर्मा पूर्व पंच, रामपत यादव, रामेहर यादव, चंद्रभान सैनी, धर्मवीर शर्मा, पंडित शेर सिंह, भरत सिंह, मामचंद सैनी, देवी राम शर्मा, राधेश्याम शर्मा, सुभाष शर्मा, अशोक शर्मा, योगेंद्र शर्मा, सतवीर शर्मा, अतर सिंह यादव, राजबीर सिंह, भूप सिंह, महेन्द्र सिंह, राजेश शर्मा,मनोज शर्मा, देशराज सैनी, सतबीर शर्मा, सुभाष शर्मा, अशोक शर्मा, राजीव शर्मा, पं मुकेश शर्मा, रमेश सैनी, सुंदरलाल सैन, सुंदरलाल यादव, जयभगवान यादव, आनंद शर्मा, अतुल शर्मा, कविता शर्मा, सुंदरलता सैनी, मीना सैनी, माया सैनी, द्रौपदी सैनी, आशा सैनी, सुमन सैनी, जमना सैनी, कल्लो सैनी, रितू सैनी, नरेन्द्र भारद्वाज, राजीव भारद्वाज, विजय भारद्वाज, परमानंद शर्मा, हिमांशू शर्मा, चेतन शर्मा, शिवम शर्मा, राजपाल शर्मा, रामपाल शर्मा, सुशीला शर्मा, अंगूरी, ममता शर्मा, कमलेश यादव, राजवती, ओमवती शर्मा, कृष्णा शर्मा, सुरेन्द्री शर्मा, राजबाला शर्मा, शांति सैन, द्रौपदी शर्मा, संतोष यादव, शांति शर्मा, वीरवती, शरबती, शारदा देवी, मूर्ति सैनी, सोना, चमेली, पूनम, प्रमीला, सुशीला यादव, कृष्णा, कांता, बिमला, लक्ष्मी, रामो, उर्मिला, मीरा, बसंती व पारुल आदि महिलाओं के साथ काफी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
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