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स्टरलाइट मामले में सुको ने निर्णय एनजीटी पर छोड़ा

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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है जिसमें सरकार ने एनजीटी द्वारा स्टरलाइट प्रबंधन को प्रशासनिक खंड में जाने की अनुमति को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट कॉपर प्लांट के प्रशासनिक खंड में जाने की अनुमति पर एनजीटी फैसला करेगा।
ज्ञात रहे कि पिछले 9 अगस्त को एनजीटी ने स्टरलाइट प्रबंधन को प्रशासनिक खंड में जाने की अनुमति दी थी। एनजीटी के इस फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि एनजीटी का ये फैसला कि स्टरलाइट की याचिका सुनवाई योग्य है,

गलत है। तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि हमने एनजीटी को बताया कि स्टरलाइट की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है लेकिन एनजीटी ने इस पर सही ढंग से विचार नहीं किया। अगर याचिका ही सुनवाई योग्य नहीं है तो स्टरलाइट को प्रशासनिक खंड में जाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।
एनजीटी ने अपने फैसले में स्टरलाइट को प्रशासनिक खंड में आने की अनुमति तो दी थी लेकिन किसी भी प्रोडक्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। एनजीटी ने तमिलनाडु सरकार को कॉपर प्लांट से पर्यावरण को हो रहे नुकसान का साइंटिफिक डाटा सौंपने का निर्देश दिया था। एनजीटी ने ये डाटा 20 अगस्त तक सौंपने का आदेश दिया।
ज्ञात रहे कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले के खिलाफ स्टरलाइट कंपनी ने एनजीटी का दरवाजा खटखटाया है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 23 मई को तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गयी

थी। पुलिस की कार्रवाई में कुल 13 लोगों की जान जा चुकी है। इस घटना के बाद तमिलनाडु सरकार ने 28 मई को प्लांट को स्थाई रूप से बंद करने का आदेश जारी किया।

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