नई दिल्ली : एक स्कूली समारोह में भाषण देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विवादित बयान दे दिया। हंगामा होने को बाद उन्होंने अफसोस जताते हुए शब्द वापस लेने की बात कही है। उन्होंने रविवार को कहा कि वह अपने उस भाषण से दो अनपयुक्त शब्द ‘भीख का कटोरा’ वापस लेना चाहते हैं
जिसमें उन्होंने इस बात का पक्ष लिया था कि शिक्षण संस्थान सरकारी मदद की जगह अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि वह अपने इन शब्दों को वापस लेना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को पुणे में एक स्कूल में उनके भाषण के दौरान शब्द मुंह से निकल गए थे।
प्रकाश जावड़ेकर ने बयान पर मचे विवाद के बीच सफाई पेश करते हुए कहा, मेरे भाषण को गलत तरीके से पेश किया गया। सरकार बड़े पैमाने पर शिक्षा में निवेश कर रही है और पिछले चार सालों में बजटीय प्रावधानों में 70 फीसद की वृद्धि की गयी है।
उसी के साथ पूर्व छात्रों को भी स्कूलों और कॉलेजों के विकास में योगदान करने की जरुत है। उन्होंने कहा दुनियाभर में यह परिपाटी है। मेरा मतलब यह नहीं था कि सरकार मदद नहीं करेगी। मेरा बस यह तात्पर्य था कि सरकारी मदद के अलावा पूर्व छात्रों को भी मदद के लिए आगे आना चाहिए।
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