कांगो : मछलियों के लिए दो देशों के बीच तलवार खिंची है, युगांडा और कांगो इसके लिए आपस में बुरी तरह लड़ रहे हैं। आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है पर यह सही है। दो अफ्रीकी देशों कांगो और युगांडा के बीच मछलियों को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है।
युगांडा में मछलियों की कमी के कारण गैर-कानूनी तरीके से एडवर्ड और अल्बर्ट लेक से मछलियां निकाली जा रही हैं। हाल ही में दोनों देश की सेनाओं के बीच लेक एडवर्ड को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि इसमें युगांडा के 2 सैनिकों और 3 नागरिकों की मौत हो गई।
लेक एडवर्ड अफ्रीकी भू-भाग के सबसे छोटी झीलों में से है। हालांकि, दोनों ही झीलों का ज्यादा हिस्सा कांगो के स्वायत्ता वाले क्षेत्र में आता है। मछली पालन सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए जीविका का मुख्य साधन है और युगांडा के क्षेत्र में आनेवाले पानी के हिस्से में यह काम खुले तौर पर किया जाता रहा है।
इन झील में कैटफिश, टिलापिया और नाइल पर्च जैसी मछलियां मिलती हैं। स्थानीय लोग इन मछलियों को खाते हैं और ज्यादातर हिस्सा निर्यात कर दिया जाता है। यूगांडा की जीडीपी में मछली पालन व्यवसाय का हिस्सा 3 फीसदी है और 7 लाख से अधिक लोग जीविका के लिए इस पर निर्भर हैं।
अफ्रीकी देशों में मछली और पानी के बंटवारे के लिए संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। युगांडा और कांगो की ही तरह से दक्षिणी हिस्से में कांगो का रवांडा के साथ जल-बंटवारे के लिए संघर्ष चल रहा है। इसकी वजह है कि तेजी से बढ़ती आबादी और रोजगार के सीमित साधनों के कारण लोगों की निर्भरता व्यवसाय के रूप में मछली पालन पर ही है।
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