[post-views]

AFI ने पेश की अनोखी मिसाल, एथलीट की पढ़ाई में न हो हर्जा तो उठाया यह कदम

168

नई दिल्ली: आमतौर पर ऐसे कई उदाहरण देखे जाते हैं कि खिलाड़ी अपने खेल के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दें. कई खिलाड़ियों ने खेल के लिए अपने करियर  तक को दाव पर लगा दिया जो उन्होंने अपनी पढ़ाई कर बनाए थे.

लेकिन आपने कभी शायद ही ऐसा सुना होगा कि किसी खेल एसोसिएशन या फेडरेशन ने अपने किसी खिलाड़ी की पढ़ाई के लिए कोई खास कदम उठाया हो. जी हां, एथेलेटिक्स फेडेरेशन ऑफ इंडिया ने अपने एक खिलाड़ी के लिए ऐसा ही कदम उठाया है.

हाल ही में एशियन गेम्स के लॉन्ग जम्प इवेंट में 6वां स्थान हासिल करने के बाद 58वी राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले 19 साल के श्रीशंकर के साथ ऐसा ही हुआ. श्रीशंकर के लिए एएफआई ने केरल उनके ही शहर में राष्ट्रीय कोच को भेज दिया, जिससे उनकी ट्रेनिंग भी होती रहे और उनकी पढ़ाई का भी नुकसान न हो और उनकी कॉलेज में हाजिरी भी होती रहे.

श्रीशंकर की ट्रेनिंग और पढ़ाई दोनों में नुकसान न हो, ऐसी की व्यवस्था
एएफआई ने निर्णय लिया कि राष्ट्रीय कोच बडरोस बेड्रोसियन, जो कि रोमानिया से हैं, को श्रीशंकर मुरली के शहर पलक्कड, केरल, भेजा जाए और वहीं उसकी ट्रेनिंग जारी रखी जाए. फेडरेशन यहां श्रीशंकर और उनके साथ एक और लॉन्ग जम्पर नीना वराकिल  के लिए ट्रेनिंग संबंधी सभी सुविधाओं की भी व्यवस्था करेगी.

टोक्यो ओलंपिक में पदक दावेदार हो सकते हैं श्रीशंकर
एफआई के अध्यक्ष अदिले समुरीवाला ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया, “श्रीशंकर 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में पदक जीतने वाले प्रबल दावेदार हो सकते हैं, इसलिए निर्णय लिया गया कि श्रीशंकर की पढ़ाई का हर्जा नहीं होना चाहिए और उसकी ट्रेनिंग भी नहीं रुकनी चाहिए.

इसी को मद्देनजर फैसला किया गया कि बेड्रोसियन को श्रीशंकर के शहर में भेजा जाए और वहीं जरूरत की सारी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएं. श्रीशंकर ने एशियन गेम्स में बढ़िया प्रदर्शन किया था, लेकिन वह काफी नहीं था. हम चाहते हैं कि वह वर्ल्ड लेवल पर प्रतियोगिता करे.”

क्यूबा न्यूजीलैंड से आएंगे नए कोच
एएफआई की अब विभिन्न राष्ट्रीय कैम्प के लिए कई नए कोचों को शामिल करने की योजना हैं समुरीवाला का कहना है कि हम क्यूबा और न्यूजीलैंड से नए कोचों की नियुक्ति के प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद है कि वे जल्दी ही हमारे कार्यक्रम में शामिल हो जाएंगे.

एथलेटिक्स के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ चुके हैं श्रीशंकर
उल्लेखनीय है कि श्रीशंकर पहले ही एथलेटिक्स के लिए अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ चुके हैं और फिलहाल वे पलक्कड विक्टोरिया कॉलेज से मैथ्स में बीएससी कर रहे हैं. श्रीशंकर एएफआई की इस पहल से काफी खुश हैं. उन्हें इस बात की भी खुशी है कि उनकी ट्रेनिंग अब उनके पिता की निगरानी में हो सकेगी.

श्रीशंकर के पिता मुरली खुद एक अंतरराष्ट्रीय ट्रिपल जम्प एथलीट रह चुके हैं. उनकी मां, केएस बिजमोल भी 800 मीटर जूनियर एशियन मेडलिस्ट रह चुकी हैं. श्रीशंकर के पिता मुरली को अब इस बात का संतोष है हाजरी की वजह से श्रीशंकर का कोई नुकसान नहीं होगा.

बीमारी के चलते कॉमनवेल्थ में भाग लेने से चूक गए थे 
श्रीशंकर ने इसी साल कॉमनवेल्थ खेलों में भाग नहीं ले पाए थे क्योंकि उन्हें एपेंडिक्स की शिकायत हो गई थी, जिसकी वजह से उन्हें तीन दिन तक आईसीयू में रहना पड़ा था. लेकिन बाद में एशियाई खेलों में 6 स्थान पर आने के बाद पिछले महीने ही उन्होंने लॉन्ग जम्प का नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा.
News Source : http://zeenews.india.com/hindi/india

Comments are closed.