बेंगलुरु : कम अवधि की निवेश कंपनी इंडिया कोशंट क्षेत्रीय सोशल नेटवर्क शेयरचैट में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच रही है। यह सौदा करीब 50 करोड़ का होगा। इसमें निवेशक कंपनी को शुरुआती निवेश पर 25-30 गुना लाभ मिल रहा है। चीन का हिलहाउस कैपिटल कंपनी में 1-2 फीसदी हिस्सेदारी ले रहा है।
उसने अपने देश की दिग्गज इंटरनेट कंपनियों टेनसेंट और बायडू में भी निवेश किया था। हाल ही में एशियाई का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी फंड 10 अरब डॉलर जुटाने को लेकर सुर्खियों में रहा था। पिछले एक साल में शेयरचैट का वैल्यूएशन सात गुना से अधिक बढ़कर 3,332 करोड़ रुपए हो गया है।
साल भर पहले कंपनी ने शुनवेई कैपिटल के साथ नए निवेशकों चीन के मॉर्निंगसाइड वेंचर्स, जेसमंड होल्डिंग्स से फंड जुटाया था। देश में पिछले कुछ साल में डेटा टैरिफ में काफी कमी आई है, जिससे सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा है। हालांकि, इस बीच प्राइवेसी को लेकर फेसबुक की आलोचना भी हो रही है।
शेयरचैट की स्थापना आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों अंकुश सचदेवा, फरीद अहसान और भानु सिंह ने अक्टूबर 2015 में संस्थान से निकलने के तुरंत बाद की थी।
इंडिया कोशंट के संस्थापक पार्टनर आनंद लुनिया ने डील की पुष्टि करते हुए कहा कि किसी को यकीन नहीं था कि भारतीय उद्यमी सोशल मीडिया कंपनी खड़ी कर सकते हैं। वो भी ऐसे लोग, जो संस्थान से निकले ही थे। हालांकि, आईआईटी कानपुर के इन पूर्व छात्रों ने ऐसा प्लेटफॉर्म बनाकर दिखाया,
जो आज फेसबुक और ट्विटर से मुकाबला कर रहा है। इस सौदे के बाद भी इंडिया कोशंट के पास शेयरचैट के 5 फीसदी के करीब शेयर होंगे, जिसकी वैल्यू अभी 165 करोड़ है। इंडिया कोशंट ने सोशल मीडिया क्षेत्र में वीडियो शेयरिंग एप्लिकेशन क्लिप, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में लेडिंगकार्ट और लोनटैप में भी निवेश किया है।
उसके पोर्टफोलियो में ब्रांड शुगर, जॉब पोर्टल आईआईएमजॉब्स और फैशन पोर्टल फैबएली भी शामिल हैं। नए फंड से वह 6 करोड़ डॉलर जुटाने की कोशिश कर रहा है। इसमें से 3 करोड़ डॉलर वह जुटा चुका है। इस रकम से वह डिजिटल मीडिया और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सेगमेंट में
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