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नोशन प्रेस ने शुरू की एक्सप्रेस पब्लिशिंग

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नई दिल्ली : भारत के सबसे बड़े बुक पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म- नोशन प्रेस ने ‘डू-इट-योरसेल्फ पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म’-एक्सप्रेस पब्लिशिंग की शुरुआत की। नोशन प्रेस का दावा है कि इसकी मदद से लेखक 30 मिनट से भी कम समय में अपनी किताब का प्रकाशन कर सकेंगे।

प्रकाशित किताब सभी चुने गए वितरण माध्यमों पर प्रिंट और ई-बुक दोनों ही फॉर्मेट में उपलब्ध रहेगी। इसे 100 से ज्यादा देशों के पाठकों तक पहुंचाना संभव होगा।

अंग्रेजी भाषा की किताबों के अलावा एक्सप्रेस पब्लिशिंग में भारतीय भाषाओं की किताबों का प्रकाशन भी संभव है। भारत में अपनी तरह के इस पहले प्लेटफॉर्म पर किताब तैयार करने, प्रकाशित करने और उसे प्रिंट व ई-बुक दोनों ही माध्यमों से प्रमोट करने के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

लेखक इंटीरियर और बुक कवर डिजाइन टूल्स की मदद से क्लासिक, लिटरेचर, फिक्शन, बायोग्राफी, बिजनेस व फाइनेंस, सेल्फ हेल्प, कुक बुक से लेकर बाल पुस्तकों तक कई विभिन्न श्रेणियों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किताबें प्रकाशित कर सकते हैं।
नोशन प्रेस के सह संस्थापक और सीईओ नवीन वल्साकुमार ने कहा, अपने पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म को ज्यादा लेखकों तक पहुंचाने को लेकर हम उत्साहित हैं।

एक्सप्रेस पब्लिशिंग की मदद से प्रोफेशनल टूल्स तक नए लेखकों की सहज और आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि अपनी किताब पर लेखकों का 100 प्रतिशत अधिकार रहता है और जिस भी फॉर्मेट में वे अपनी किताब प्रकाशित करें,

उन्हें बिक्री से होने वाले शुद्ध लाभ का 70 प्रतिशत मिलता है। नोशन प्रेस के सह संस्थापक और सीटीओ भार्गव एडपल्ली ने कहा, “एक्सप्रेस पब्लिशिंग को नए लेखक भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म प्रयोग की ²ष्टि से बहुत सरल है और यहां लेखक अपनी इच्छा से कवर और इंटीरियर डिजाइन कर सकते हैं।

यहां किताब तैयार करने के लिए लेखकों को प्री-सेट टेम्पलेट उपलब्ध होता है। एक्सप्रेस पब्लिशिंग पेशेवर और नए दोनों ही तरह के लेखकों के लिए अपनी फिक्शन व नॉन फिक्शन किताबों के प्रकाशन के लिए बेहतरीन विकल्प है। यहां प्रकाशित किताबें लाखों पाठकों के लिए उपलब्ध होती हैं। किताब के प्रकाशन में बमुश्किल 30 मिनट का समय लगता है।”
नोशन एक्सप्रेस पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म लेखकों को इस बात पर पूरा नियंत्रण देता है कि वे कैसे अपनी किताब को प्रकाशित करना चाहते हैं और कहां उसे बेचना चाहते हैं। प्रकाशन के बाद लेखक अपनी किताब की बिक्री के बारे में ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं और मार्केटिंग के नए टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

किताब से होने वाला मुनाफा सीधे उनके खाते में पहुंचता है। प्रकाशन की प्रक्रिया में ज्यादा मदद के लिए लेखक नोशन प्रेस के गाइडेड पब्लिशिंग प्रोग्राम का हिस्सा भी बन सकते हैं। वल्साकुमार ने कहा, हमने भारत में उभरते लेखकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशन की पहुंच को आसान बनाने के लिए एक लोकतांत्रिक पब्लिशिंग के रूप में नोशन प्रेस की शुरूआत की थी।

आज इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में हम एक और कदम बढ़ा रहे हैं। हमने अगले पांच साल में 1,00,000 लेखकों को प्रकाशित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। हमारा विशेष ध्यान भारतीय भाषाओं की तरफ रहेगा।
एक्सप्रेस पब्लिशिंग की मदद से लेखकों को किताब पर 100 प्रतिशत अधिकार, प्रिंट और ई-बुक में प्रकाशन, ऑनलाइन टूल्स की मदद से किताब तैयार करने, 100 देशों के 30,000 से ज्यादा स्टोर पर बिक्री का विकल्प, किताब की बिक्री से होने वाले मुनाफे में 70 प्रतिशत लेखक का और बुक मार्केटिंग टूल्स के एक्सक्लूसिव एक्सेस जैसी सुविधा मिलती है।

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