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पटाखों से प्रदूषण रोकने को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करेगी सरकार

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नई दिल्ली । केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की बेहद खराब गुणवत्ता को देखते हुए दीपावली के अवसर पर पटाखों से वायु प्रदूषण का खतरा गहराने से रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। प्रदूषण संकट से निपटने के उपायों की समीक्षा के लिए पर्यावरण सचिव सीके मिश्र की अध्यक्षता में हुई मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।

बैठक में मंत्रालय ने दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र के नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए सभी संबद्ध एजेंसियों के साथ मिलकर आगामी एक से पांच नवंबर तक स्वच्छ वायु सप्ताह मनाने का भी फैसला किया गया। मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार बैठक में स्थिति से निपटने के लिए तत्काल प्रभाव से उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश का पालन सुनिश्चित करने की बात कही गयी है जिससे दीपावली के समय पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके।

उल्लेखीय है कि उच्चतम न्यायालय ने गत 23 अक्तूबर को अपने आदेश में दीपावली के दौरान दिल्ली में कम वायु प्रदूषण करने वाले हरित पटाखों की ही बिक्री करने को कहा था। इसके मद्देनजर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संगठन सीएसआईआर और नीरी द्वारा विकसित हरित पटाखों के निर्माण की तकनीक का सोमवार को पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने लोकार्पण किया था। हालांकि डा. हर्षवर्धन ने कहा था दीवाली के महज एक सप्ताह का समय होने के कारण इस साल पूरी तरह से हरित पटाखों का मांग के अनुरूप उत्पादन सुनिश्चत हो पाना मुमकिन नहीं है।

इस बीच मंत्रालय ने स्वच्छ वायु सप्ताह, दीपावली और इसके बाद भी वायु प्रदूषण मानकों के पालन की निगरानी के लिए गठित दलों की संख्या बढ़ाकर 52 कर दी है। निगरानी दलों ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए इन पांच शहरों में सघन औचक निरीक्षण अभियान शुरु कर दिया है। बैठक में यह भी तय किया गया है कि स्वच्छ वायु सप्ताह के दौरान हवा की गुणवत्ता को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोकने के सभी संभव उपाय किए जाएंगे। दिल्ली सरकार के उप-जिलाधिकारियों की अगुवाई वाले निगरानी दल में पर्यावरण मंत्रालय, नगर निगम, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल होंगे।

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