ढाका। रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या से जूझ रहे बांग्लादेश ने इस समाधान के लिए अपने देश के भसन चार द्वीप पर शरणार्थी शिविर बनाना शुरू दिया है। जानकारी के मुताबिक, विवादित शिविर बनाने का काम काफी गुप्त तरीके से किया जा रहा है। शिविर के अगले साल तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। बांग्लादेश सरकार की एक योजना के मुताबिक, म्यांमार में से आए 7 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को इस शिविर में रखा जाएगा। ये शरणार्थी अभी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रह रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस शिविर में मात्र एक लाख शरणार्थी रखे जा सकते हैं।
मानवाधिकार समूह ने इसे शरणार्थी शिविर कम और हिरासत कैंप ज्यादा करार दिया है। मानवाधिकार समूहों और गैर सरकारी संगठनों ने शरणार्थियों के स्थानांतरण की योजना के बारे में चिंताओं को लगातार उठाया है। साथ ही कॉक्स बाजार के शिविरों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों ने बार-बार कहा है कि वे अपनी सुरक्षा चलते कहीं और नहीं जाना चाहते हैं। नाव से पहुंचा जा सकता है। भसन चार निर्जन द्वीप है जहां कोई आबादी नहीं रहती है।
यह मेघना नदी के तट से 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। दो दशक पहले अस्तित्व में आए इस द्वीप पर नाव से पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लग जाते हैं। नौसेना के कड़े नियंत्रण वाले भसन चार द्वीप में मजदूरों के अलावा किसी का भी जाना प्रतिबंधित है। सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के चुनिंदा प्रतिनिधि और बांग्लादेश के सरकारी अधिकारी ही शिविर की जानकारी लेने के संबंध में वहां जा सकते हैं। भसन चार में शिविर निर्माण की कोई आधिकारिक तस्वीर या विवरण अभी तक जारी नहीं किया गया है।
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