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लैंग्वेज ट्रांसलेशन में रोजगार का बड़ा अवसर : अशोक यादव

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गुरुग्राम, 2 दिसम्बर (अजय) : इंटरनेट के प्रसार के कारण आज विभिन्न शैक्षिक संस्थानों से लेकर कंपनियों का वैश्विक स्तर पर तेजी से विस्तार हो रहा है। इन विदेशी बाजारों से संपर्क स्थापित करने के लिए इन सभी को लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की जरूरत पड़ती है। इसके कारण फॉरेन लैंग्वेज ट्रांसलेटर्स की मांग में तेजी आई है। दूसरी ओर, जापान, चीन, जर्मनी जैसे देशों के विकास से भी आने वाले वर्षों में ट्रांसलेशन या एंटरप्रेटेशन उद्योग के और अधिक विकसित होने की संभावना है।

शैक्षिक योग्यता

ट्रांसलेटर या एंटरप्रेटर बनने के लिए ट्रांसलेशन में डिप्लोमा होना जरूरी है। लेकिन अगर आप स्नातक हैं, लिखने का शौक है और कंप्यूटर का ज्ञान है, तो दूसरों से बेहतर कमाई कर सकते हैं। एक ट्रांसलेटर या एंटरप्रेटर को कम से कम दो भाषाओं (सोर्स लैंग्वेज ऐंड टारगेट लैंग्वेज) पर कमांड होना चाहिए। सोर्स लैंग्वेज वह होता है जिसका आपको ट्रांसलेशन या एंटरप्रेटेशन करना होता है। वहीं, टारगेट लैंग्वेज का मतलब वह भाषा है जिसमें आप अनुवाद करते हैं, फिर वह मौखिक हो या लिखित। भारत में कई संस्थान और यूनिवर्सिटीज में लैंग्वेज कोर्सेज चलाए जाते हैं, जिन्हें करके आप इस क्षेत्र में अपनी जगह बना सकते हैं।

ऐसे बनाएं पहचान

अगर आप एक ट्रांसलेटर के रूप में सफलता हासिल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र में स्थित ट्रांसलेशन एजेंसीज के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी होगी। फिर उसी के मुताबिक अपने सीवी को कस्टमाइज करना होगा। करियर की शुरुआत में अगर आप सीवी में अपना स्पेशलाइजेशन बताएंगे, तो उससे फायदा होगा। इसके अलावा, बाजार की प्रतिस्पर्धा को भी ध्यान में रखना होगा, क्योंकि बाजार में अकेले आप नहीं होंगे। इसलिए शुरू में कम मानदेय पर काम करने के लिए तैयार रहना होगा। इस क्षेत्र में वही लोग सफल हैं, जो इनके अलावा संबंधित भाषा की दुनिया में हो रहे डेवलपमेंट्स की जानकारी रखते हैं और जिनका शब्दकोश मजबूत हो।

अन्य जरूरी स्किल्स

आप जिस भाषा में काम करना चाहते हैं, उसे ज्यादा से ज्यादा लिखने की प्रैक्टिस करें। स्पेशलाइजेशन पर ध्यान दें। अगर आइटी फील्ड में टेक्निकल ट्रांसलेटर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो सर्टिफिकेशन के साथ-साथ आइटी की टर्मिनोलॉजी की जानकारी जरूरी है। जितना अधिक पढ़ेंगे,उतना ही फायदा होगा। इससे लैंग्वैज पर पकड़ मजबूत होगी, वोकेबुलरी में भी इजाफा होगा। संबंधित भाषा में लोगों से कम्युनिकेट करने की कोशिश करें।

अनेक संभावनाएं

एक एंटरप्रेटर या ट्रांसलेटर के लिए संभावनाओं की कमी नहीं है। वे इसमें पार्टटाइम से लेकर फुलटाइम करियर बना सकते हैं। इसमें भी जिनकी चाइनीज, अरेबिक, रशियन, जैपनीज, फ्रेंच आदि लैंग्वेज पर कमांड है, उनके लिए आगे बढ़ने के तमाम मौके हैं। वे यूनिवर्सिटीज, मल्टीनेशनल कंपनीज के अलावा मार्केट सर्वे में संलग्न कंपनियों के साथ काम कर सकते हैं। इसके अलावा, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन फील्ड में भी काम करने का मौका है।अगर इनकम की बात करें, तो ट्रांसलेशन की क्वालिटी और आपके अनुभव के अनुसार पैसे मिलते हैं। यह दस हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख रुपये महीने तक हो सकती है। चाहें तो फ्रीलांसर के रूप में भी भविष्य संवार सकते हैं।

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