तोक्यो। जापान अगले पांच सालों में स्टिल्थ फाइटर प्लेन, लंबी दूरी तक मार कर सकने वाली मिसाइलें और अन्य हथियारों की ख़रीद करेगा। ये ख़रीद वेस्टर्न पैसिफ़िक में चीन की ताकत का सामना कर रहे अमेरिका को समर्थन देने के लिए की जाएगी। ये बात दोनों सरकारों को रक्षा पत्र में कही गई है। जापानी वायु रक्षा की जांच जारी रखने वाले रूस ने कहा कि उसने द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान से कब्जे वाले उत्तरी द्वीप पर सैनिकों के लिए नए बैरकों का निर्माण किया है।
जापान 45 एफ- 15 अमेरिकी फाइटर प्लेन ख़रीदने वाला है। इनकी कीमत 45 बिनियन डॉलर (31,52,27,25,00,000 रुपए) होगी। गौरतलब है कि जापान ने पहले से 35 जेट प्लेन के ऑर्डर दे रखे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि 45 एफ- 15 का ऑर्डर जापान को अमेरिका के साथ किसी तरह के ट्रेड वॉर से राहत देगा।
नए जहाजों की ख़रीद इस बात का सबूत है कि जापान ने एशियाई क्षेत्र में ख़ुद को एक बड़ी ताकत बनाने का सपना नहीं छोड़ा है। इसके पीछे की वजह ये है कि क्षेत्र में बढ़ते चीन के सैन्य दबदबे और रक्षा के क्षेत्र में फिर से तेज़ी से उभरते रूस ने जापान और उसके सहयोगी अमेरिका को कड़ी चुनौती दी है। प्रधानमंत्री शिन्जो आबे की सरकार ने 10 साल की रक्षा कार्यक्रम की रूपरेखा को मंजूरी दी जिसमें कहा गया कि अमेरिका अभी भी विश्व शक्ति है, लेकिन क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा वापस से उभर रही है। हम चीन और रूस दोनों से रणनीतिक प्रतिस्पर्धा की अहमियत को समझते हैं, क्योंकि वो क्षेत्रीय स्थिति को चुनौती दे रहे हैं।
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