गुरुग्राम, 20 दिसम्बर (अजय) : गुरुग्राम शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों तथा डिस्पेंसरी की हालत बद से बदतर होती जा रही है। जिस तरफ प्रदेश सरकार तथा जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। उसकी वजह से हजारों की तादाद में लोगों को बीमारी के चलते न चाहते हुए भी निजी अस्पतालों में इलाज कराने के दौरान अपनी जेबे कटवानी पड़ रही है। जिस पर सरकार को बदहाल अस्पतालों की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार करना चाहिए । उक्त बातें नव जन चेतना मंच के संयोजक व वशिष्ठ कुमार गोयल ने बोलते हुए कही।
क्षेत्र में इन दिनों स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी है या फिर यूं कहें कि दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन अस्पतालों में मरीजों की सुविधाओं के लिए कोई प्रयास समाधान नहीं हो पा रहे हैं। जिसका उदाहरण गुरुग्राम के सामान्य अस्पताल तथा सोहना के अस्पताल में देखने से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है । आज गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिस पर सरकार मौन धारण किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सिविल अस्पताल में जाकर लोगों की समस्याएं सुनना चाहा तो उन्हें काफी आहत महसूस हुई वहीं इस विषय में कई मीडिया चैनलों ने भी सामान्य अस्पताल की बदहाल स्थिति की कारगुजारी ओं को उजागर करते हुए अस्पताल प्रशासन पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े किए हैं जिस पर सरकार तथा अस्पताल प्रबंधक को बड़े और सख्त कदम उठाते हुए मरीजों की सुविधाओं के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
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