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हरियाणा वक्फ बोर्ड में नहीं होने देंगे भ्रष्टाचार : वशिष्ठ गोयल

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गुडग़ांव (अजय) : हरियाणा वक्फ बोर्ड में पनप रहे भ्रष्टाचार की जड़ें दिन प्रतिदिन गहरी होती जा रही हैं। वक्फ बोर्ड के करोड़ों रुपए को ठिकाने लगाने के लिए स्कूल का बहाना बना कर जमीन की खरीद, इमामों की भर्ती, बडख़ल ईदगाह की जमीन नाजायज तरीके से लीज पर देना आदि कितने ही मुद्दे हैं जिन पर बोर्ड में अंदर खाने बहुत बड़ा खेल खेले जाने की तैयारी चल रही है। इस संबंध में आरोप लगाते हुए मुफ्ती सलीम बनारसी एवं नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने बताया कि इन सभी मामलों में हरियाणा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की भूमिका संदेह के घेरे में है और वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर वक्फ बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल को उजागर करेंगे।
 मुफ्ती सलीम बनारसी ने आरोप लगाया कि इमाम और मुलाजिमों की भर्ती करने का निर्णय लिया जा चुका है, क्योंकि बोर्ड की अवधि पूरी होने में केवल 90 दिन बचे हैं। इसलिए बड़ा खेल खेलने की तैयारी चल रही है। मुफ्ती सलीम बनारसी ने बताया कि वक्फ बोर्ड को अभी जमीन के अधिग्रहण से 25 करोड़ रुपए की भारी भरकम रकम आने वाली है जिसको जमीन की खरीद दिखाकर ठिकाने लगाने की कोशिश शुरू कर दी गई है। उन्होंने ने बताया कि गाँव कोट में जमीन खरीदने की बात से पहले उटावड़ में जमीन खरीदने की बात आई थी मगर वह खबरों में आ जाने के कारण अब चुप चाप तरीके से उटावड़ से भी पहले कोट में जमीन खरीदने पर विचार गहनता से जारी है। दूसरी तरफ रेवन्यू अधिकारियों, मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसरों की नियुक्ति और अन्य पदों को भरने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती किए जाने के खुफिया प्लान की भी जानकारी मिली है।
  इस संबंध में नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि गत सप्ताह बोर्ड की बैठक में अंदर जो खेल खेला गया है वह बाहर मिनट रिकॉर्ड के जरिए आ चुका है। इस रिकार्ड के अनुसार जल्द ही गांव कोट में छह एकड़ के बजाय 9 एकड़ भूमि स्कूल के लिए खरीदे जाने के लिए रास्ता साफ कर दिया गया है। इस मामले का कमजोर पहलू यह है कि इसी गांव में जब पहले से ही वक्फ बोर्ड की जमीन है तो फिर नई जमीन खरीदने की क्या जरूरत है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की जमीन की खरीद की बात चल रही है जिसमें एक बहुत बड़ा घोटाला होने की आशंका किसी से छुपी हुई नहीं है। दूसरे प्रस्ताव के अनुसार 160 नए कर्मचारियों की नियुक्ति भी चल रही है, जिसके लिए चेयरमैन ने बोर्ड मुख्यालय में पड़ाव डालना शुरू कर दिया है और अधिकारियों पर खाली पद निकालने का दबाव बनाया जा रहा है। इसी तरह 100 नए इमामों की नियुक्ति की  मंजूरी भी सामने आई है। सवाल यह है कि जब बोर्ड की आय घट रही है और जब बोर्ड के अधिकारियों का वेतन महीने की 5 तारीख को मिल जाता था वो 21 तक भी नहीं मिल पा रहा है तो भर्ती की इतनी जल्दी क्यों है?
  मुफ्ती सलीम कासमी बनारसी ने आरोप लगाया कि कई नए कर्मचारियों का नाम अब तय माना जा रहा है। साक्षात्कार वाले दिन हम उन कर्मचारियों की तफसील भी जारी करेंगे ताकि अवैध नियुक्ति होते ही मामले को सबूतों के साथ अदालत में चुनौती दी जा सके। उन्होंने सवाल उठाया कि 100 इमामों की बात तो कही जा रही है लेकिन यह 100 जरूरतमंद मस्जिदें कहां हैं उसे स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। मौलाना कारी अहमद इमाम, बडख़ल ईदगाह ने ईदगाह के अवैध लीज मामले पर गहरी चिंता जताई है।
 उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में स्पष्ट कहा गया है कि ईदगाह के नाम दस बीघे समर्पित भूमि आवंटित पत्र रद्द नहीं होगा। बैठक में मौलाना खालिद भी शामिल थे। सर्वसम्मति प्रस्ताव पर उनके भी हस्ताक्षर हैं। इसी संदर्भ में पटौदी चौक गुडग़ांव स्थित कब्रिस्तान पर गैर कानूनी आबादी का नव जन चेतना मंच हरियाणा के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल और मुफ्ती सलीम बनारसी ने जाकर जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने बताया कि वे जल्द ही बोर्ड में जारी घोटाला मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे। अगर वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो वे इस मामले को कोर्ट तक लेकर जाएंगे। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ये क्या हो रहा है कि बाहर मस्जिदों में जाकर इसी बात को अवैध बताया जा रहा है और अंदर बैठक में इसी के औचित्य पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।

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