बादशाहपुर, 8 फरवरी (अजय) : मरीजों में अक्सर हड्डी सम्बधित बीमारी होने पर कुछ रोगी हड्डी के दर्द को नजरअंदाज करते है जबकि कई बार इस तरह के नजरअंदाज करने से रोगी को बड़ी समस्यां का सामना करना पड़ सकता है इसके लिए हमे एतियात बरतनी चाहिए और मरीज को तुरंत हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलकर अपनी पीड़ा बतानी चाहिए उक्त बातें हड्डी रोग विशेषज्ञ पोलरिस अस्पताल के डायरेक्टर डॉ.टी. श्रृंगारी ने बोलते हुए कही
उन्होंने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डी रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है़ शरीर में कैल्शियम की कमी से भी जोड़ों का दर्द होता है़ डॉक्टर द्वारा अस्प्ताल में पहुंचे मरीजों से बातचीत करते हुए कहा कि मरीजों को स्पेशलिस्ट डॉक्टर से अपनी-अपनी परेशानियां शेयर करनी चाहिए
लोगों की समस्या और उपाय बताते हुए डॉ श्रृंगारी ने कहा कि बैक पेन और ज्वाइंट पेन में लोग नाॅर्मल दर्द की दवा खाकर काम चला लेते हैं. उन्होंने कहा कि दवा का असर कुछ देर के लिए रहता है. जैसे ही असर खत्म हो जाये, तो दर्द फिर से शुरू हाे जाता है, नतीजा बाद में एक बड़ा रोग जन्म ले लेता है. उन्होंने कहा कि हड्डी रोग के इलाज में केवल दवाओं की कोई भूमिका नहीं है. किसी भी मरीज के हड्डी टूटने, घुटने में खराबी आने और पीठ की नस दबने पर सिर्फ नश्तर चलाना ही इलाज है. हड्डी की बीमारी में दवाओं से अधिक फिजियोथिरपी की भूमिका अहम होती है.
उन्होंने कहा कि हड्डी और ज्वाइंट के दर्द से बचना है तो 20 से 40 वर्ष की आयु में अधिक से अधिक कार्य करने के साथ सेहत ठीक रखने के लिए व्यायाम करें. वरना 45 साल बाद हड्डी से जुड़े अलग-अलग रोग शुरू हो जायेंगे. इसलिए हड्डी रोग के बचाव के लिए जागरूक रहें.
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